गौशाला के संचालन में आ रही कठिनाईयों का समय से करें निराकरण : जिलाधिकारी
अयोध्या। जनपद निराश्रित/बेसाहारा गोवंश हेतु संचालित गोशालाओं में पानी व भरणपोषण हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष के अवशेष माह के लिए सम्प्रति 1 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त हुई है उक्त धनराशि को खण्ड विकास अधिकारी व सहायक खण्ड विकास अधिकारी (पंचायत) के संयुक्त खाते में आन्तरिक की जायेगी और उससे निरारित गोवंश के भरणपोषण की व्यवस्था की जायेगी। जिन गौशालाओं में जो भी समस्या है, उनका निराकरण प्रत्येक दशा में शनिवार तक करा लें अन्यथा खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) व सम्बन्धित विकास खण्ड के पशु चिकित्सा अधिकारी जिम्मेदार होगें।
उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार ने बताया कि जब तक जनपद के निराश्रित/बेसहारा पशु (नर गोवंश) को हर क्षेत्र से पकड़ कर उस क्षेत्र के गौशाला के अन्दर नहीं कर दिया जाता है तब तक ब्लाक स्तर पर हर सपताह, तहसील स्तर पर हर महीने में 3 व जनपद स्तर हर माह कम से कम 2 बैठके आयोजित होगी ताकि गौशाला के संचालन में आ रही कठिनाईयों का समय से निराकरण करया जा सके। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि पशुचर की भूमि पर गौवंश के लिए हरे चारे के लिए शासनादेश में निहित मार्गदर्शन/निर्देशानुसार व्यवस्था कराई जाए। फरवरी माह हरे घास के लिए अनुकूल समय रहेगा। जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिये है कि जिन गौशाला से इक्का-दुक्का जानवर निकल जा रहे है उसे गौशाला की खाई बन्दक की गहराई बढ़ाई जाए व मिट्टी की दिवाल को ऊंचा करते हुए कंटील तार की घेराबन्दी की जाए। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व ब्लाकों में तैनात उनकी टीम को निर्देशित किया कि नर गौवंश में से सबसे पहले खूखांर जानवरों का बधियाकरण तुरन्त करें इसके लिए उन्होनें प्रधान, सिक्रेट्ररी, डीसी मनरेगा को मजदूर तथा सीआरओ को सफाई कर्मियों को पशु डाक्टरों के सहयोग हेतु ड्यिटी लगाने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को भी निर्देश दिये है कि गौशाला में पशुओं का समय से इलाज कराना सुनिश्चित करें और कितने बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई, इसका प्रतिदिन का ब्यौरा वहां रजिस्टर में दर्ज करायें। उन्होनें कहा कि अस्थायी गौवंश आश्रम स्थल हेतु विभिन्न शासकीय विभागों सहकारी संस्थाओं व अन्य ऐसी संस्थाओं जिनका प्रशासकीय/वित्तीय नियंत्रण शासन में अंतर्निहित है कि अप्रयुक्त भूमि को नियमानुसार चिन्हांकित करें। बैठक में अस्थाई गोवंश आश्रम स्थल पर पेयजल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, चारे की व्यवस्था, हरे चारे की व्यवस्था, सुरक्षा चिकित्सा, संचालन फर्श, शेड, रिकार्ड कीपिंग, अभिलेखो का रख-रखाव, गौवंश आश्रम स्थलो का स्वावलम्बी बनाने पर आनन्द, डीसी मनरेगा, एसपीआरए सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारी ब्लाको पर तैनात पशु चिकित्सा आदि उपस्थित थे।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय, तहसील एवं ब्लाक स्तरीयों को निर्देश दिये है कि कोई भी अपनी सीयूजी व व्यक्तिगत मोबाइल नम्बर को स्वीच आफ नही करेगा, उन्होनें मीटिंग में यह भी बताया कि कोई भी नेटवर्क के रेंज से बाहर अधिकतम 10 मिनट तक रहता होगा, उसके बाद उसका नम्बर मिलना चाहिए और लम्बे अवधि के अवकाश पर जाने पर अपना सीयूजी नम्बर अपने अधीनस्थ को चालू अवस्था दे जायेगें।