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गरीब, असहाय व लावारिस लोगों के लिए वरदान बना निःशुल्क लकड़ी बैंक

-महामारी के समय मानव सेवा समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता : ऋषिकेश उपाध्याय

अयोध्या। रामाय सेवा ट्रस्ट अयोध्या मुख्य ट्रस्टी नगर निगम अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के द्वारा श्मशान घाट अयोध्या में निशुल्क लकड़ी बैंक जरूरतमंदों गरीबों असहाय तथा लावारिस लोगों के अंतिम संस्कार के लिए वरदान के रूप में सेवा कर रहा है बेमिसाल मानवीय कार्य मानवीय संवेदना उनको प्रेरित कर रहा है और दानदाता भी सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं कोरोना महामारी कि इस विपदा के समय जनपद अयोध्या गोंडा बस्ती लखनऊ सहित विभिन्न जनपदों के लोगों का दाह संस्कार निशुल्क लकड़ी बैंक से लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित करा कर दाह संस्कार कराया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है।

यही नहीं ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न होती हैं की मृतक को जब कंधा देने वालों की संख्या नहीं होती है लकड़ी बैंक के संचालक समाजसेवी रितेश दास अपने साथियों के साथ कंधा भी देते हैं चिता भी लगाते हैं और चिता में लाश को रखकर दाह संस्कार सुनिश्चित कराते हैं महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि इस महामारी के समय मानव सेवा समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है ऐसे समय में हम सभी को मिलकर समाज को जागरूक कर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए समाज को मानसिक रूप से मजबूत करना है जिससे भयमुक्त होकर हम सब एक दूसरे के सहयोग के लिए खड़े हो सके श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी अयोध्या कुलभूषण स्वामी श्री राजकुमार दास ने कहा कि इस महामारी में समाज संवेदनशीलता के साथ जरूरतमंदों की मदद हेतु आगे आएं उन्होंने कहा की श्री राम वल्लभा कुंज की तरफ से एक ट्रक लकड़ी निशुल्क लकड़ी बैंक में उपलब्ध कराई जाएगी शमशान घाट में जरूरतमंदों गरीबों असहाय लावारिस लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी होने नहीं दी जाएगी श्री दास ने कहा की समाज हम सब मिलकर इस कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों को मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे निशुल्क लकड़ी बैंक के संचालक प्रमुख समाज सेवी रितेश दास ने बताया कि अब तक 100 से अधिक लाशों के अंतिम संस्कार के लिए निशुल्क लकड़ी बैंक से लकड़ी उपलब्ध कराकर कंधा देकर चिता लगाकर अंतिम संस्कार कराया गया है।

रितेश दास ने कहा एक ऐसी घटना 5 अप्रैल को श्मशान घाट पर देखने को मिली जिस जिसमें हम अपने आंसू नहीं रोक पाए अरुण कुमार नामक व्यक्ति अपनी पत्नी बेबी देवी 4 साल की बच्ची के साथ हरिद्वार से गया जा रहे थे ट्रेन लखनऊ से 10 किलोमीटर चली होगी कि अरुण कुमार की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई फैजाबाद रेलवे स्टेशन में लाश उतारी गई पोस्टमार्टम हुआ और फरिश्ता बनकर श्मशान घाट के श्री रामाय सेवा ट्रस्ट के कार्यकर्ता कंधा देकर चिता लगाकर अंतिम संस्कार कराया श्री दास ने बताया की तीन बेटियां हैं सबसे छोटी बच्ची साथ में थी उसी ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में मुखाग्नि दी यह परिवार ग्राम रामपुर पोस्ट फखरपुर थाना अरवल जिला अरवल बिहार के रहने वाले हैं इसी तरह अन्य तमाम दृश्य श्मशान घाट में देखने को मिल रहे हैं जिससे आत्मा द्रवित होती है और जरूरतमंदों की मदद के लिए उत्साह से मदद करने की परमात्मा से शक्ति मिलती है।

श्री दास ने कहा कि शमशान घाट अयोध्या में जो भी जरूरतमंद गरीब और लावारिस लाश आ रहे हैं उनके अंतिम संस्कार की समस्त व्यवस्था श्री रामायसेवा ट्रस्ट के द्वारा उनके कार्यकर्ताओं के सहयोग से की जा रही है अयोध्या धार्मिक नगरी है प्रभु राम की धरती है हम आवाहन करते हैं समाज को इस कोरोना की महामारी में हम सब आगे आएं और मानवता को बचाएं जरूरतमंदों की मदद करें।

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