स्वास्थ्य विभाग ओवर बिलिंग प्रकरण को हजम करने पर अमादा
अयोध्या। कोविड-19 महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों के लिए पांच लाख रूपये में क्रय किये गये सैनेटाइजर सहित पांच नग की खरीद में किया गया फर्जीबाड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी ओर ओवर बिलिंग प्रकरण को स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के आलाधिकारी हजम करने पर अमादा हैं।
लॉकडाउन-2 के बाद चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों में सुरक्षा साधनों के अभाव को देखते हुए कार्य करने में जब आनाकानी करना शुरू कर दिया तो मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जिला स्वास्थ्य समिति मद से सैनेटाइजर, हैण्डवाश, ग्लब्स, थ्री लेयर मास्क व हेडकैप क्रय करने का निर्देश दिया गया। सीएमओ कार्यालय के स्टोर प्रभारी के माध्यम से आपातकाल के क्रय नियमों का अनुपालन करते हुए क्योर फार्मा रिकाबगंज से उक्त सामानों की आपूर्ति करायी गयी। बताते चलें कि क्योर फार्मा का ओनर सीएमओ के स्टोर प्रभारी का पुत्र है। ओबर बिलिंग प्रकरण उजागर न हो इसलिए आनन फानन में क्योर फार्मा को आपूर्ति किये गये सामानों का मूल्य पांच लाख रूपये भुगतान भी कर दिया गया। विभाग में जब इस ओवर बिलिंग की चर्चा होने लगी तो एनएचएम के अमित पटेल ने मौखिक शिकायत सीडीओ प्रथमेश कुमार से किया। बताया जाता है कि स्टोर प्रभारी को उच्चाधिकारियों ने फटकार भी लगाया। चर्चा है कि सैनेटाइजर की आपूर्ति के.एम. शुगर मिल से ली गयी थी। जिला चिकित्सालय में सैनेटाइजर मिल ने 110 रूपये प्रति लीटर की दर से आपूर्ति किया था जबकि क्योर फार्मा ने यही सैनेटाइजर विभाग को 200 रूपये प्रति लीटर की दर से किया। थ्री लेयर मास्क जो बाजार में 8 रूपये प्रति बिक रहा है उसकी बिलिंग 16 रूपये में की गयी। यही हाल हैण्डवाश, ग्लब्स, व हेड कैप का भी है, जिसकी बिलिंग दुगनी की गयी हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह से जब इस सम्बन्ध में बात की गयी तो उन्होंने बताया कि आपात काल में काटेशन ठेका की जरूरत नहीं होती सारा प्रकरण मुख्य विकास अधिकारी के संज्ञान में है और उनके निर्देश पर ही सामानों का क्रय किया गया है। सामान क्रय करने में किसी तरह का घपला नहीं किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार ने बताया कि पांच लाख के सामानों की खरीद के सम्बन्ध में उनके पास कोई शिकायत नहीं आयी है। शिकायत आने के बाद जांच करायी जायेगी।