-मई 2025 तक पूरा हो जाएगा बी ग्रेड फॉरेंसिक लैब के निर्माण का कार्य
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन अनुसार रामनगरी अयोध्या में मंडल मुख्यालय स्तरीय बी ग्रेड फॉरेंसिक साइंस लैब निर्माण कार्य को प्रगति प्रदान की जा रही है। शासन से परियोजना की स्वीकृति के बाद 47 करोड़ की लागत से आकार लेने वाले इस बी ग्रेड फॉरेंसिक साइंस लैब के निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। लैब का निर्माण टेढ़ी बाजार क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के निकट किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल अयोध्या जनपद मे जिला स्तरीय क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के एक फील्ड यूनिट का कार्यालय है। यहां विशेषज्ञ समेत अन्य की तैनाती की गई है लेकिन इनके पास विधिक रूप से जिम्मा केवल सैंपल एकत्रीकरण कर संबंधित लैब को जाँच के लिए भिजवाने का ही है। अपराध अन्वेषण में यह लोग पुलिस की व्यवहारिक मदद तो कर सकते हैं, लेकिन विधिक रिपोर्ट लैब की ही मान्य है। ऐसे में, बी ग्रेड फॉरेंसिक साइंस लैब के निर्माण से केवल कुछ अति आधुनिक जांचों को छोड़कर ज्यादातर जांचे यहीं पर संभव हो जाएंगीं जिससे समय और धन की बचत तो होगी ही, साथ ही त्वरित रिपोर्ट हासिल हो सकेगी।
रामनगरी में बी ग्रेड फॉरेंसिक साइंस लैब का निर्माण कुल 10266.40 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किया जा रहा है। जबकि, विभाग के पास मौजूद कुल जमीन 15220 वर्ग मी. में बाकी ओपन स्पेस रहेगा। गृह विभाग के टेक्निकल सेल तथा नियोजन विभाग के समन्वय से ईपीसी मोड पर निर्माण कार्यों को पूरा किया जा रहा है।
यूपीपीडल्यूडी की ओर से तैयार कराये गए डीपीआर के मुताबिक पांच मंजिला लैब की बिल्डिंग 10266.40 वर्ग मीटर में स्थित होगी। इसमें दो मंजिला डॉरमेट्री एवं गेस्ट हॉउस 395.90 वर्ग मीटर में, गैरेज एन्ड एलायड बिल्डिंग 250.20 वर्ग मीटर में, मैसेंजर व गॉर्ड रूम 89 वर्ग मीटर में, वर्कशॉप 42 वर्ग मीटर में, 1000 किलोवाट से ज्यादा क्षमता का विद्युत व पंप रूम 51.50 वर्ग मीटर में निर्मित कराया जा रहा है। साथ ही, 100 किलो लीटर क्षमता की उपरगामी टंकी, सीसी रोड, इंटरलॉकिंग और बाउंड्रीवॉल जैसे निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है।
वर्ष 2017 में विभाग की ओर से मंडल मुख्यालय पर आधुनिक संसाधनों से युक्त फॉरेंसिक साइंस लैब की स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके लिए विद्याकुंड से रानोपाली रोड पर रामनगरी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन के पास 3.76 एकड़ जमीन ली गई थी। हालांकि, लैब की स्थापना की कवायद सरकारी फाइलों में घूमती रही। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री व सेवन को रोकने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फ़ोर्स के गठन के बाद संचालित लैब का बोझ काम करने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब की संख्या और दायरा बढ़ाने पर विचार शुरू हुआ। इसी के बाद अयोध्या समेत छह मंडल मुख्यालयों पर बी ग्रेड लैब संचालन को हरी झंडी मिली।
अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग निर्माण (खण्ड-दो) उमेश चन्द्र ने बताया बी ग्रेड फॉरेंसिक साइंस लैब का निर्माण कार्य सात नवम्बर 2023 से प्रारम्भ है। यह निर्माण 17 मई 2025 तक पूरा होना है। अब तक 30 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लैब की स्थापना से अपराध नियंत्रण व अन्वेषण, अनुसंधान तथा मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने में त्वरित व प्रभावी मदद हासिल हो सकेगी। इस लैब की स्थापना के बाद सैंपल को बाहर नहीं भेजना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत का मार्ग सुनिश्चित होगा।