-राहत व अस्थाई निवास पाने के लिए शासन से मदद की कर रहे गुहार

ढेमवा पुल पर बाढ़ पीड़ित के बांधे गए मवेशी
सोहावल। गोण्डा जनपद के बाढ़ से प्रभावित परिवार अब सरयू की धारा बढ़ने के साथ पानी से घिर जाने के चलते इन गांव के लोगों ने अब सोहावल में आकर अपना ठिकाना ढूंढना शुरू कर दिया है। ढेमवा पुल और बेनीपुर गांव के रामलीला मैदान में पशुओं को सुरक्षित कर पीड़ित ग्रामीणों ने अगल-बगल अपने सगे संबंधियों के यहां शरण ले ली है।
राहत और अस्थाई निवास पाने के लिए शासन से मदद की गुहार कर रहे हैं। ब्यौदा, साखीपुर, दत्तनगर और बहादुरपुर यह चार गांव गोण्डा जनपद की तरबगंज तहसील से जुड़े हैं। पिछले एक दशक से इनका आना-जाना रहन सहन सोहावल से होता रहा है। बाढ़ आने के बाद इन्हें तहसील प्रशासन द्वारा समय-समय पर सुविधा दी जाती रही हैं।गोण्डा प्रशासन का रास्ता जलमग्न होने के चलते इन्हे मिलने वाली मदद इन तक समय से नहीं पहुंच पाती है।
जिसके चलते यहां के ग्रामीण बड़ी संख्या में ढेमवा घाट की तरफ आ जाते हैं।इन्हे राहत और बचाव का इंतजार रहता है। रविवार को इन गांव से जुड़े पीड़ितों ने ढेमवा पुल की सीमा सहित रौनाही के बेनीपुर रामलीला मैदान में अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान पर बाँधा है। जँहा चारे की खोज मे भटक रहे है।ब्यौदा निवासी पीड़ित सरजू, मोहन, जगदम्बा, झगरू, आदि ने बताया महिलाओं और बच्चों को इस पार लाया गया है।
सुरक्षित आवास मिलते ही पुरुष भी भाग आएंगे। गोण्डा प्रशासन जल स्तर ज्यादा बढ़ जाने के चलते इन तक आसानी से नहीं पहुंच पाता है।इनको सोहावल तहसील से ही मदद का इंतजार रहता है। ढेमवा पुल के उत्तरी छोर से जाने वाले स्टीमर यात्रियों को अब ब्यौदा गांव के पास ही छोड़ रहे हैं।