-पीड़ित को नहीं मिल सका मुआवजा, गन्ने की नष्ट हुई थी फसल
मिल्कीपुर। मिल्कीपुर तहसील सभागार में एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन होना था। लेकिन एडीएम प्रशासन के न आने पर एसडीएम राजीव रत्न सिंह व तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह जहां एक ओर फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे वहीं दूसरी ओर तहसील क्षेत्र के कई विभागों के अधिकारी मोबाइल फोन में इंस्टाग्राम, शेयर चैट, फेसबुक, मैसेंजर में व्यस्त नजर आए। समाधान दिवस में तहसील क्षेत्र से 103 फरियादियों ने अपनी शिकायतें पेश की। इनमें से सिर्फ 5 पांच मामलों का निस्तारण मौके पर हो सका। 98 फरियादी मायूस होकर वापस घरों को वैरंग लौट गए। वहीं कुछ फरियादियों का तो शिकायती प्रार्थना पत्र ही समाधान दिवस में मौजूद अधिकारियों ने पंजीकृत ही नहीं करवाया। कहा समाधान दिवस से संबंधित मामला ही नहीं है।
मिल्कीपुर विकास खंड के सहुलारा गांव निवासी कृषक शिव प्रसाद पुत्र जोखन की वर्ष 2011 में विद्युत विभाग द्वारा तार खंभा बदलते समय विद्युत से गन्ने की फसल नष्ट हो गई थी। जिसकी शिकायत 1 फरवरी 2011 को विद्युत विभाग व तहसील दिवस में किया था, तो लेखपाल ने क्षति का आकलन कर तहसील को रिपोर्ट सौंप दिया था। लेकिन आज तक कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। पीड़ित का कहना है कि 12 वर्षों से डीएम, एसडीएम, तहसील, कृषि विभाग, व विद्युत विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। हमारी क्षतिपूर्ति नहीं दिलाई जा सकी है।
शिकायती पत्र का संज्ञान लेते हुए एसडीएम ने एसडीओ विद्युत मिल्कीपुर व राजस्व निरीक्षक को जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अमानीगंज के इब्राहिमपुर गांव निवासिनी भलेश कुमारी आशाबाहू ने प्रार्थना पत्र दिया है कि माह फरवरी में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 10 दिन कार्य किया था। जिसका मानदेय अभी तक नहीं मिला। तहसीलदार एमओआईसी खंडासा को जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
थाना इनायत नगर क्षेत्र के कहुआ गांव निवासी शिव बहादुर दुबे ने प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि 44 शिकायती प्रार्थना पत्र पहले भी दे चुके हैं, आज 50 वां प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन आज तक शिकायत का निस्तारण नहीं हो सका। ग्राम पंचायत की बंजर भूमि गाटा संख्या 368 पर गांव के कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर अबैध निर्माण करा लिया गया है। प्रशासन खाली नहीं करवा रहा है।