चुकंदर की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे किसान
रूदौली। तहसील के जागरूक किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए चुकंदर की खेती की ओर अग्रसर हैं। कम लागत से अच्छा मुनाफा हासिल होने के कारण लगभग पांच वर्षों में चुकंदर की खेती की ओर यहाँ के किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है। अन्य फसलों की अपेक्षा चुकंदर की फसल पर मौसम, बीमारियों व कीट पतं गों का प्रकोप न के बराबर होने से इसे लाभकारी खेती बताया जा रहा है। परंपरागत खेती में अधिक लागत व कम उत्पादन के मारे किसानों ने हाई टेक खेती की ओर कदम बढ़ा दिये हैं।
चुकंदर की पैदावार हर मौसम में एक सी होती है। पौष्टिक होने के कारण इसका प्रयोग भी बढ़ा है। चुकंदर से अब चीनी भी बनाई जाने लगी है। जिससे चुकंदर की माँग भी बढ़ी है। नगर रूदौली के अकबर गंज, नरियापार सहित क्षेत्र के जलालपुर, डेहवा, जहानपुर व आदि गाँव में चुकंदर की खेती हो रही है। किसान सुखराज लोधी, दिलीप कुमार, जानकी प्रसाद, राम सूरत आदि बताते हैं कि एक वर्ष में तीन बार चुकंदर की खेती की जा सकती है। एक बीघा में लगभग 12 क्विं टल चुकंदर की पैदावार होती है। बाजार में चुकंदर दो सौ रूपये की दर से बिक जाता है। जबकि लागत महज 25 से 30 प्रतिशत आती है। अकबरगंज के सुखरा ज बताते हैं कि एक बीघा में औसतन 12 क्विंटल चुकंदर की पैदावार होती है। वहीँ जलालपुर के राम सूरत ने बताया कि चुकं दर की एक से दूसरी क्यारियों के बीच मूली लगाई है। परम्परागत फसलों के बजाय व्यावसायिक फसलों की ओर तेजी से किसानों का रूझान बढ़ा है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ आर डी वर्मा ने बताया कि चुकंदर की खेती जनपद की अन्य तहसीलों में भी हो रही है। जिसमें किसानों को अच्छा मुनाफा हासिल हो रहा है।