आईईटी संस्थान में ब्रेनस्टॉर्मिंग फॉर आईडियाथॉन का हुआ आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई0ई0टी0 संस्थान में 15 जून 2020 को आयोजित होने वाले आईडियाथॉन के तहत आज 10 जून, 2020 को ब्रेनस्टॉर्मिंग फॉर आईडियाथॉन का ऑनलाइन आयोजन किया गया है। इसके तहत अप्रवासी मजदूर जो अपने घरों को वापस आपस आ रहे है। ऐसे में शैक्षिक स्ांस्थानों का दायित्व बढ़ जाता है कि उन अप्रवासी मजदूरों के बारे में सोचे और उस दिशा में कार्य करें।
ब्रेनस्टॉर्मिंग फॉर आईडियाथॉन को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने बताया कि कोविड-19 की वजह से आज सभी को आत्मनिर्भर बनना होगा। आत्मनिर्भर बनने के लिए यह देखना होगा कि अपने आस-पास किन-किन जरूरतों की आवश्यकता पड़ेगी एवं अविष्कार करने होंगे। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका बढ़ जाती है। कुलपति ने कहा कि संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो मजूदर अपने घरों को वापस आ रहे है उनके लिए रोजगार का कैसे सृजन किया जाये कि वे अपने को इस विषम परिस्थिति में भी स्थापित कर सके। इसके लिए छात्रों एवं अन्य संगठनों को अप्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आना होगा।
कार्यक्रम में आईपी कुरेट्स लैब्स वेरिसपेर दिल्ली के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर परम दोशी ने कहा कि आज के समय में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ गया है। तकनीकी के माध्यम से नए-नए इनोवेशन करके प्रवासी मजदूरों को इस कार्य के लिए तैयार कर नए स्वरोजगार उपलब्ध करा सकते है। इस कार्य में भारत सरकार भी मदद कर रही है। द स्टार्ट अप लैब दिल्ली की सीईओ श्रुति अग्रवाल ने बताया कि हमें अपने आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए थोड़ी सी मेहनत करनी पड़ेगी। हमारे दिमाग में जब कोई नया आईडिया विकसित होता है तो उस आईडिया को आगे बढ़ाते हुए वास्तविक स्वरूप में परिवर्तित करना होगा। टेडेक्स के स्पीकर आईआईटी दिल्ली के आशुतोष कश्यप ने बताया कि हमें अपने दिमाग में आए हुए किसी भी आईडिया को खराब नहीं समझना चाहिए उसका प्रयोग जरूर करना चाहिए तभी एक नई खोज हो सकती। अन्य वक्ता के रूप में इंजीनियर अमित भाटी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने किया। तकनीकी संचालन इंजीनियर परितोष त्रिपाठी, इंजीनियर परिमल त्रिपाठी, संजीत पांडे तथा रमेश मित्र द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समन्वयक इंजीनियर अमितेश पंडित तथा इंजीनियर विनीत सिंह द्वारा किया गया।
माइक्रोसर्विस से सॉफ्टवेयर की कार्यक्षमता को मॉड्यूलों में किया जा सकता है परिवर्तित : दुर्गेश
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई0ई0टी0 संस्थान में एमसीए विभाग द्वारा ”जावा फुल स्टैक” पर पांच दिवसीय ई-वर्कशॉप एवं वर्चुअल लैब के तीसरे दिन बुध्वार को मुख्य वक्ता सॉफ्टवेयर डेवलपर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा के इंजीनियर दुर्गेश दूबे ने मोनोलिथिक व नॉन मोनोलिथिक स्ट्रक्चर, जावा माइक्रो सर्विसेज के बारे में प्रतिभागियों को बताया। उन्होंने बताया कि माइक्रोसर्विस का उपयोग कर सॉफ्टवेयर की कार्यक्षमता को कई स्वतंत्र मॉड्यूलों में अलग कर सकते हैं। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से स्टैंडअलोन कार्य करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये मॉड्यूल सरल, सार्वभौमिक रूप से सुलभ एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संवाद करते हैं। अन्य वक्ता मुख्य वक्ता इंजीनियर पीयूष सिंह चीफ आपरेशन ऑफिसर एवं इंवेन्टीव टेक्नोलॉजी नोएडा ने जावा एप्लेट, स्ट्रींग, मेनू, लिस्ट के बारे में विस्तार पूर्वक वर्चुअल लैब के द्वारा छात्रों को समझाया। वर्कशाप का संचालन एम.सी.ए विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 बृजेश भारद्वाज ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोऑर्डिनेट अखिलेश कुमार, विवेक अमलानी, कविता श्रीवास्तव, विनीत सिंह, जैनेन्द्र प्रताप एवं सौमित्र पाल सहित अन्य ने सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर दिलीप तिवारी, रमेश मिश्र, परितोष त्रिपाठी, रामनंदन त्रिपाठी, अमित भास्कर, राजीव कुमार सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं ऑनलाइन उपस्थित रहे।