-‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संत कबीर की प्रासंगिकता‘ विषय पर हुई निबंध लेखन प्रतियोगिता
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में गुरूवार को विश्वविद्यालय के 50वें स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर साहित्य गतिविधि समिति द्वारा “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संत कबीर की प्रासंगिकता“ विषय पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। समिति के संयोजक प्रो अनूप कुमार ने बताया की इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को संत कबीर के विचारों एवं शिक्षाओं को आधुनिक संदर्भ में समझने, उनके महत्व पर विचार करने और वर्तमान समाज में उनकी प्रासंगिकता पर विमर्श करने के लिए प्रेरित करना था।
उन्होंने साहित्य गतिविधि समिति के सदस्यों व सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि “संत कबीर सामाजिक सौहार्द के प्रतीक माने जा सकते हैं इसलिए आज के सन्दर्भ में वे बड़े प्रासंगिक हैं। डी एस डबल्यू प्रो नीलम पाठक ने कहा कि संत कबीर ने अपने दोहों के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी।
उनके विचार केवल धार्मिक या दार्शनिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बायोकेमेस्ट्री के विभागाध्यक्ष प्रो फारूख जमाल ने कहा कि वर्तमान समय में जब समाज में एकता, सहिष्णुता और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता अधिक महसूस की जा रही है, तब कबीर के विचार हमें एक समरस समाज की ओर अग्रसर करने में सहायक हो सकते हैं।
समिति के सह संयोजक डॉ सुरेंद्र मिश्रा ने विद्यार्थियों को संत कबीर के विचारों की व्यापकता को समझने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। प्रतियोगिता के संचालन में डा महेन्द्र सिंह,डॉ प्रतिभा त्रिपाठी, डा प्रतिभा, रत्नेश यादव ,विनय शर्मा , दीक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।
निर्णायक मंडल की सदस्या डॉ. शशि सिंह, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. सुमन लाल द्वारा प्रतिभागियों के निबन्धों का मूल्यांकन करके प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान अर्ज़ित करने वाले छात्र छात्राओं के नाम समिति के संयोजक को सौंपे दिये ।