-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को किया गया सम्मानित
अयोध्या। अयोध्या महोत्सव न्यास द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में साकेत महाविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे आर शुक्ला और न्यास के अध्यक्ष हरीश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बीआरडीपीजी कॉलेज, देवरिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ वी के पाण्डेय और सम्मानित अतिथि के रूप में स्टेट रिसोर्स पर्सन डॉ अम्बिकेश त्रिपाठी ,अमित कुमार मिश्रा व अकादमिक रिसोर्स पर्सन के के त्रिपाठी उपस्थित थे।
समारोह में अयोध्या गौरव सम्मान से सम्मानित होने वालों में रंजीत सिंह, कंपोजिट विद्यालय मांजगांव अमानीगंज, वंदना तिवारी मवई, पवन चौरसिया, मवई, पंकज द्विवेदी, सोहावल, आशीष यादव, रुदौली,शिप्रा श्रीवास्तव, नगर क्षेत्र, मानवेंद्र सिंह, अमानीगंज,अरविंद तिवारी, मसौधा, शिप्रा उपाध्याय, मसौधा, सतरूपा द्विवेदी, पूरा, सुभाष वर्मा, तारुन, सुधाकर पांडे, बीकापुर, डॉ विवेक सिंह, अमानीगंज शामिल है।
प्रबुद्ध सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि डॉ जे आर शुक्ला ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित व्यक्तियों को बधाई दी और उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही हमारे समाज की तरक्की का आधार है, और ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करना जो शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान कर रहे हैं, हमारे लिए गर्व की बात है। डॉक्टर जे आर शुक्ला ने यह भी कहा कि हमें अपने समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए, ताकि हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ वी के पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि शिक्षा ही हमारे समाज की तरक्की का आधार है। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों को न केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में भी सिखाना चाहिए। प्रबुद्ध सम्मान समारोह में न्यास अध्यक्ष हरीश कुमार श्रीवास्तव ने आये हुए शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं और उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों को न केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में भी सिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में बहुत महत्वपूर्ण होती है।
डॉ. अम्बिकेश त्रिपाठी ने उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेसिक शिक्षा विभाग से जोड़ते कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और इसे अधिक समावेशी और समग्र बनाना है। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत, प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक, सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।
उक्त कार्यक्रम का संयोजन न्यास की महासचिव ऋचा उपाध्याय ने और सफल संचालन न्यास के संगठन महासचिव अरुण कुमार द्विवेदी ने किया। उक्त सम्मान समारोह में शिक्षक अंजनी कुमार ओझा, श्रीप्रकाश पाठक, अमरेश कुमार, अजय कुमार, मित्रसेन यादव, चंद्रजीत ,शशि साहू, मनोरमा साहू, सुषमा गुप्ता, अर्चना गोस्वामी सहित अनेक गणमान्य शिक्षक उपस्थित रहे।