सरकार की नीतियों का विरोध
अयोध्या। केंद्र एवं राज्य सरकार की निजीकरण की नीतियों एवं इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में देश व्यापा हड़ताल के तहत बिजलीकर्मियों ने सोमवार को हड़ताल किया जो मंगलवार को भी जारी रहेगा।
ऊर्जा निगम के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं के दो दिवसीय कार्य बहिष्कार और सभाओं में सरकार की नीतियों की बखिया उधेड़ते हुए जमकर नारेबाजी की गई। बताया कि अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, मथुरा, झांसी, बांदा, चित्रकूट समेत सभी जनपद मुख्यालयों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन हुआ है। राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर जबरदस्त विरोध सभा हुई।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों पंकज तिवारी, लालचंद वर्मा, दिलीप कन्नौजिया, विकास डीपीसी सिंह, ओपी रावत आर्या, रोहित, रमन श्रीवास्तव, अरुण सहनी, सिंह, शैलेंद्र, आदित्य वर्मा, निखिल नायक, अभय चौबे, मनोज गुप्ता, संजय वर्मा, संजय सिंह, आरएस मौर्य, ने संयुक्त बयान में कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में पारित कराने जा रही है जिसका बिजली कर्मियों और बिजली उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाला है।
इस पर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से कोई राय नहीं ली गई है केवल औद्योगिक घरानों से ही विचार विमर्श किया गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्रवाई से बिजली कर्मियों में भारी रोष एवं गुस्सा है। बिजली कर्मियों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए जिससे स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष बिजली कर्मी और उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकें।