-परंपरागत तरीके से निकाली जायेगी भव्य कलश यात्रा
अयोध्या। केंद्रीय दुर्गा पूजा रामलीला समन्वय समिति अयोध्या मंडल के पदाधिकारियों की बैठक महंत वशिष्ठ पीठाधीश्वर गिरीशपति त्रिपाठी की अध्यक्षता में तीन कलसा तिवारी मंदिर में संपन्न हुई जिसमें शारदीय नवरात्र के पूर्व संध्या पर निकाली जाने वाली कलश यात्रा और अयोध्या धाम नगर में स्थापित होने वाली देवी प्रतिमाओं पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि पिछले 2 वर्षों से कोविड-19 के मां की प्रतिमाओं को प्रतीक रूप में प्राण प्रतिष्ठित किया गया और त्यौहार को मनाया गया लेकिन निश्चित ही इस बार हर्षोल्लास अधिक रहेगा इसलिए समिति के पदाधिकारियों का उत्तरदायित्व बढ़ गया है और आज ही से नियमा अनुरूप लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा।
अध्यक्षता करते हुए महंत गिरीश शपति त्रिपाठी ने बताया कि परंपरागत तरीके से इस वर्ष 25 सितंबर को सायं 3ः00 बजे मां सरजू के तट से भव्य कलश यात्रा निकलेगी जो हनुमानगढ़ी होते हुए मां छोटी देवकाली पर समाप्त होगी जहां प्रसाद वितरण किया जाएगा। अध्यक्ष रमापति पांडे ने बताया कि 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ होगा मां की प्रतिमाएं स्थापित होंगी जिसके लिए प्रारूप तैयार हो गया है जल्द ही सभी समितियों को सूचित किया जाएगा और सरकार के नए नियमों से सभी को परिचित कराया जाएगा।
संयोजक महंत धनुषधारी शुक्ला ने बताया कि क्योंकि इस वर्ष कोरोना वायरस का कोई खतरा नहीं है इसलिए उल्लास अधिक होगा हम सभी को सतर्कता से काम करना है। उन्होंने बताया कि अयोध्या नगर क्षेत्र में 63 स्थानों पर मां की प्रतिमा स्थापित होती हैं और कुल 11 स्थानों पर अस्थाई मंदिर हैं जिनके साफ सफाई की व्यवस्था नगर निगम को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी दुर्गा पूजा समितियां केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के व्हाट्सएप ग्रुप पर भी अपनी समस्याएं बता सकते हैं जिसका शीघ्र निवारण किया जाएगा। प्रवक्ता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि सभी 63 दुर्गा पूजा समितियों के साथ 4 सितंबर शाम 4 बजे तिवारी मंदिर में निश्चित की गई है।बैठक में महासचिव श्रीनिवास पोद्दार, शक्ति वाहिनी प्रभारी बिंदु सिंह, कलश यात्रा प्रभारी दीपचंद राही, सुरक्षा प्रमुख पंकज गुप्ता, देवर्षि राम त्रिपाठी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।