– ड्रोन शो देख मुख्यमंत्री योगी और केंद्रीय मंत्री सहित हजारों अयोध्यावासी हुए मंत्रमुग्ध
अयोध्या। आठवें ऐतिहासिक अयोध्या दीपोत्सव समारोह में इस बार का आयोजन ड्रोन शो के जरिए और भी खास रहा, जहां 500 ड्रोन के जरिए त्रेतायुग के भगवान श्रीराम के प्रसंगों को आकाश में सजीव किया गया। इस अनूठे ड्रोन शो ने दीपोत्सव को और भव्य बना दिया। जैसे ही ड्रोन ने भगवान श्रीराम की आकृति उकेरी, समस्त नगरी ‘जय जय श्रीराम’ के जयकारों से गूंज उठी।
पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस शो में तकनीकी दक्षता और कला का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने भी इस नायाब शो का आनंद लिया और इसकी सराहना की। ड्रोन शो ने अयोध्या की दिव्यता को एक नए आयाम पर पहुंचाया, जिसने रामायण की कहानियों को आकाश में जीवंत किया और जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस भव्य आयोजन में भगवान श्रीराम के महाकाव्य को प्रतीकात्मक आकृतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जो दीपोत्सव में आए श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।
सोशल मीडिया पर छाया ‘सबका उत्सव अयोध्या दीपोत्सव
अयोध्या। दीपोत्सव 2024 का जादू न केवल अयोध्या की गलियों में बल्कि सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला। जैसे ही 35 लाख से अधिक दीपकों से अयोध्या जगमगाई, वैसे ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ‘#सबका_उत्सव_अयोध्या_दीपोत्सव’ और ‘अयोध्या’ जैसे टैग्स ट्रेंड करने लगे। देशभर से लाखों यूजर्स ने इस अनोखे दीपोत्सव की भव्यता पर अपनी भावनाएं साझा कीं, तस्वीरें और वीडियो अपलोड किए और योगी सरकार के प्रयासों की सराहना की।
यूजर्स ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या के इस आयोजन को भारतीय संस्कृति और रामनगरी के गौरव का प्रतीक बताया। कई लोगों ने लिखा कि दीपोत्सव का आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्त्व को भी दर्शाता है, जो अयोध्या को वैश्विक मंच पर स्थापित करता है। कुछ यूजर्स ने लिखा कि इस आयोजन के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने अयोध्या का भव्य रूप प्रस्तुत हुआ है, जो रामभक्तों के लिए गर्व की बात है।
कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या की सांस्कृतिक महत्ता की अनदेखी की, जबकि अब वर्तमान सरकार ने इसे वैश्विक पहचान दिलाई है। वहीं, कुछ यूजर्स ने सांसद अवधेश प्रसाद की अनुपस्थिति पर भी आलोचना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में हुए इस आयोजन को सोशल मीडिया पर ‘नया इतिहास’ बताया गया। सोशल मीडिया के जरिए दीपोत्सव की हर तस्वीर और वीडियो ने देशभर के लोगों को उत्सव का हिस्सा बनने का अनुभव कराया