अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई0ई0टी0 संस्थान द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के तहत सांध्यकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल एवं प्रो0 जे0 डब्ल्यू बाकल, अध्यक्ष एवं प्रो0 के0वी0 रेड्डी, पूर्व अध्यक्ष, आई0ई0टी0ई0, नई दिल्ली द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पूजन-अर्चन से शुरू किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में नाट्य कलाकार सुरभी सिंह द्वारा द्रोपदी की व्यथा नाटक का बेहतरीन मंचन किया। नाटक की प्रस्तुति में द्रोपदी के जीवन पर आधारित कथाक्रम वर्णित किया गया कि द्रोपदी ने पुरुषसत्ता का अत्याचार सहा। लेकिन आज के आधुनिक समय में ऐसी सामाजिक व्यवस्था की आवश्यकता है जिसमें द्रोपदी को सामजिक दंश का सामना न करना पड़े। पूर्व से समाज में विद्यमान कुरीतियो का उन्मूलन करने का समय आ गया है।
सुरभी सिंह द्वारा सजीव नाट्य प्रस्तुति में द्रोपदी के चीर हरण के समय भीष्म पितामह जो कि परम योद्धा थे परन्तु सत्ता के आगे उन्होंने इसका विरोध नही किया। उस समय की सामाजिक व्यवस्था में राजा ही सर्वोपरि होता था। द्रोपदी की व्यथा के माध्यम से एक सामाजिक सन्देश दिया गया कि आज रूढ़िवादी सोच से मुक्त होने का समय है। पुरुषों के साथ समाज में महिलाओं को भी उतना ही अधिकार प्राप्त है। इस नाट्य प्रस्तुति से पूरा सभागार भाव-विभोर हो गया। इस अवसर पर कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह, प्रो0 रमापति मिश्र, डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, डॉ0 सुधीर श्रीवास्तव, इ0 शाम्भवी, इ0 पारितोष, इ0 परिमल, इ0 रमेश मिश्र, इ0 मुरली शर्मा सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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