पास्ता संस्कृति को त्याग अपनाएं सनातन संस्कृति : गोपाल
अयोध्या। पास्ता संस्कृति को त्याग कर सनातन संस्कृति को जानें, पहचानें और धारण करें। गुलामी मानसिकता से बाहर आकर अपने गौरवशाली इतिहास, संस्कृति व सभ्यता को अपनाएं। उक्त उद्गार विश्व हिंदू परिषद में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर रहे गोपाल जी के हैं। वे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, भारतीय नववर्ष पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ करिअप्पा नगर में संघ के संस्थापक डॉ. केशव राम बलिराम हेडगेवार की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जन्म दिवस पर संघ की विधा के अनुरूप आद्य सरसंघचालक प्रणाम व नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
मुख्य अतिथि गोपाल जी पावन उत्सव चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय नव वर्ष के महात्म पर अपने उद्गार व्यक्त किए। करिअप्पा नगर के संचालक टीबी सिंह, कार्यवाह अवधेश, नगर विस्तारक अभीष्ट, परिवार प्रबोधन प्रमुख अवध किशोर, नगर पर्यावरण प्रमुख राम आशीष, नगर प्रचार प्रमुख असित, महानगर सह प्रचार प्रमुख सतीश तथा कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक सिद्धार्थ, सुशील, अमरेंद्र व अभिषेक जी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ स्वयंसेवक अनूप मल्होत्रा ने कहा कि हिन्दू समाज को संगठित होकर अपने इतिहास की यत्न पूर्वक रक्षा करनी चाहिए। धन नष्ट हो जाने पर संचय हो जाएगा परन्तु अपना इतिहास, गौरव, संस्कृति नष्ट हो जाने पर सब नष्ट हो जाता है।