समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा की जरूरत महसूस कर रहा विश्व : डा. उपेन्द्रमणि त्रिपाठी
अयोध्या । होम्योपैथी के जनक डा. सैमुएल हैनिमैन की 177वीं पुण्यतिथि पर घर पर ही पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए होम्योपैथी महासंघ द्वारा आयोजित “भावपुष्पांजलि“ वेबिनार के माध्यम को होम्योपैथी चिकित्सको ने सेवा संकल्प के साथ “फिजिशयन्स डे“ (होम्योपैथी चिकित्सक दिवस) रूप में मनाया । इस अवसर पर वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डा. उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा डा हैनिमैन ने अपनी पुस्तक ऑरगेनन ऑफ मेडिसिन के पहले सूत्र वाक्य में ही फिजिशियन का सर्वोच्च प्राथमिकता का लक्ष्य और एकमात्र उद्देश्य हानिरहित व सरलतम तरीके से स्वास्थ्य की स्थिति में वापस लाना है। अपने उद्भव काल से ही तमाम राजनैतिक, चिकित्सकीय व वैज्ञानिक उपेक्षाओं के बावजूद अपनी प्रभाविता के कारण ही होम्योपैथी दिनप्रतिदिन जनविश्वास प्राप्त करती जा रही है। वर्तमान वैश्विक महामारी काल मे भी आमजनता में होम्योपैथी का विश्वास व मांग निरन्तर बढ़ी है। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए होम्योपैथी चिकित्सक के रूप में सेवा के ईश्वरीय कार्य मे सहयोग करना सौभाग्य की बात है। महासंघ सचिव डॉ दीपक सिंह ने आपदाकाल में होम्योपैथी चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे सेवाकार्यों की जानकारी देते हुए उन्हें सम्मानित करने का विचार रखा, सुल्तानपुर फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डा जितेंद्र सिंह ने छात्रों के लिए प्रशिक्षण, मऊ से डा अवनीश पांडेय ने होम्योपैथी को प्रथमपंक्ति की पद्धति बनाने के प्रयास, सोफिया कालेज ग्वालियर से विमल पाठक ने होम्योपैथी के आदर्शों के अनुरूप सेवा कार्य विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। संचालन एवं आभार प्रदर्शन महासंघ की उपाध्यक्ष डा अर्चना श्रीवास्तव ने किया, उन्होंने एप्रिशियशन सर्टिफिकेट व होम्योपैथी चिकित्सकों को सेवा के समान अवसर व अधिकार की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया। इससे पूर्व महासंघ के संरक्षक एवं मेडिसिन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ बी एन सिंह की अगुवाई में डॉ हैनिमैन की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई जिसमें पूर्व सीसीएच सदस्य डा अनुरुद्ध वर्मा, डा दीपक सिंह,डा दुर्गेश चतुर्वेदी उपस्थित रहे।