कुलपति ने बताई अपनी प्राथमिकताएं
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के नियमित कुलपति के रूप में कार्यवाहक कुलपति तथा उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बिजेंद्र सिंह ने गुरुवार को अपना कार्यभार ग्रहण किया। कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा कार्यभार ग्रहण करने से तीन वर्षों के लिए की गई है। कुलपति डॉ सिंह ने नियमित कुलपति के रूप में सबसे पहले नरेंद्र उद्यान पहुंच कर आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कर्मियों ने गाजे बाजे व पटाखों के साथ कुलपति की अगवानी की। ज्ञात हो कुलपति के रूप में डॉ बिजेंद्र सिंह सितम्बर 2019 से विश्वविद्यालय का कार्य सम्हालते आ रहे हैं परंतु उनकी नियमित नियुक्ति पर विश्वविद्यालय परिवासर ने पूरे जोश के साथ उनका स्वागत किया। कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के अपने कार्यालय में आने पर दिन भर विश्वविद्यालय के सभी कैडर के अधिकारी,शिक्षक, वैज्ञानिक व कर्मचारी उन्हें माला पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत करते रहे तथा उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करते रहे। इस अवसर पर कुलपति ने मौजूद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से विश्वविद्यालय के विकास व प्रगति के प्रति अपनी आगे की योजनाओं पर चर्चा की। कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि विश्वविद्यालय का हर कर्मी अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्यों का पूरी जिम्मेदारी व निष्ठा के साथ निर्वहन करे।
नियमित कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध संसाधनों व उनके उपयोग से बेहतर सम्भावनाओं व विकास के अवसर प्राप्त करने पर जोर दिया।कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में है कि विश्वविद्यालय इतना विकसित व सक्रिय हो कि इस विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ पांच विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त हो सके। कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि सबसे आवश्यक बात यह है कि हमारे पास शोध,शिक्षा व प्रसार के छेत्र में किये गए कार्यों से संतृप्त छेत्रों प्रदेशों व किसानों का आंकड़ा अधिकृतरूप से उपलब्ध होना चाहिए जिससे हम बता सकें कि देश के कृषि व ग्रामीण विकास में विश्वविद्यालय का कितना योगदान है। कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि वर्तमान स्थितियों में हमें अपनी मार्केटिंग स्वयं करनी होगी। कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने अधिष्ठाता उद्यान एव वानिकी डॉ. ओ पी राव से जानकारी लेते हुए उन्हें सुझाव दिया कि वे महाविद्यालय के खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा फलों के जूस, औषधीय जूस जैसे उत्पादों को बड़े स्तर पर बनाने की योजना मूर्तरूप में लाएं जिससे विश्वविद्यालय की आय में महाविद्यालय बेहतर सहयोग करने में सक्षम हो सके। कुलपति ने विश्वविद्यालय की बाउंड्री में पौष्टिकता से भरपूर सहजन यानी मोरिंगा के पौध रोपण की योजना से अवगत कराते हुए कहा कि इस पौधे के सहयोग से हमारे विद्यार्थियों, परिसर वासियों व डेयरी पशुओं को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने में हम सक्षम हो जाएंगे। कुपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे पास भूमि के रूप में उपलब्ध महत्वपूर्ण संसाधन का हमे पूरा उपयोग किसी न किसी रूप में करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित उत्पादों व विकसित तकनीकों का पेटेंट कराने का प्रयास हमें करना चाहिए। कुलपति डॉ सिंह ने विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए पिछले कुछ महीनों से कार्य कराने प्रारम्भ किया था उन्होंने इस मुहिम को और मजबूत बनाने व इससे ज्यादा से ज्यादा छात्र छात्राओं को लाभान्वित करने के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारियों का सहयोग मांगा है। कुलपति ने कहा कि सृजनात्मक व रचनात्मक कार्यों के लिए धन की कमी आड़े नही आएगी इसके लिए वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के विभिन्न विभागों से वित्तीय सहयोग हासिल करते रहेंगे। इस अवसर पर प्रमुखरूप से कुलसचिव डॉ पीके सिंह, निदेशक प्रसार डॉ ए पी राव, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन डॉ हरनाम सिंह, अधिष्ठाता परास्नातक डॉ एन वी सिंह, निदेशक प्रसाशन एव परिवीक्षण डॉ आर के जोशी, अधिष्ठाता उद्यान एव वानिकी डॉ ओ पी राव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ दी नियोगी, अधिष्ठाता गृह विज्ञान डॉ डी के द्विवेदी,अधिष्ठाता कृषि डॉ वी एन राय, निदेशक शोध डॉ गजेंद्र सिंह, सह निदेशक शोध डॉ रविन्द्र सिंह अधिशाषी अभियंता ई ओम प्रकाश समेत शिक्षक ,वैज्ञानिक व कर्मी उपस्थित रहे।