-मनोसंयम लाता है सेराटोनिन मनोरसायन, मेन्टल-रेजीलिएंस है सोल्ज़र स्ट्रेस-बस्टर
अयोध्या। सैन्य सेवा में दम खम, जोश व जज्बे के लिए जिम्मेदार मनोरसायन डोपामिन व मूड स्टेबलाइज़र हार्मोन सेराटोनिन का कॉम्बिनेशन मानसिक-लचीलापन या मेन्टल-रेजीलिएंस विकसित कर चुनौतियों और मुश्किलों से उबरने की क्षमता विकसित करता है तथा मनो-प्रत्यास्थता या मेन्टल-इलास्टिसिटी का अभाव ही एंग्जाइटी डिसआर्डर का आधार बन अवसाद,एंगर,सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर, ओसीडी, इम्पल्स कंट्रोल डिसऑर्डर, कंडक्ट डिसऑर्डर,फैमिली कान्फ्लिक्ट व रिस्क बिहैवियर में ले जा सकता है।
ऐसे लक्षणों के प्रति जागरूकता से उपचार व मनोसंबल पुनर्वास संभव है। सतत दक्षता व अनुशासन के दबाव की सहन-शक्ति अभिवृद्धि यानी स्ट्रेस-कोपिंग कैपसिटी इनहेंसमेंट के उद्देश्य से राजपूत रेजीमेंट ऑडीटोरियम में आयोजित मनोसंवाद-सत्र में जिला चिकित्सालय के माइंड-मेंटर डा आलोक मनदर्शन ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षाबलों को बिना शिथिल हुए मानसिक रूप से शान्त, संयमित व चपल रहने के लिये गुणवत्तापूर्ण नींद पहली प्राथमिकता है क्योंकि नींद से ही ब्रेन- बैटरी चार्ज होकर ब्रेन के इमोशनल-कंट्रोल सेंटर प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स ब्रेन के स्ट्रेस सेंटर अमिग्डाला को शांत कर नयी चुनौतियों के लिये पुनः तैयार हो जाता है।
मूड स्टेबलाइज़र हार्मोन सेराटोनिन, रिवॉर्ड हार्मोन डोपामिन,साइकिक-पेन रिलीवर हार्मोन एंडोर्फिन व लव-हार्मोन ऑक्सीटोसिन नामक बिग फोर हैप्पी-हार्मोन्स का मनो-लचीलापन विकसित होने में अहम रोल है। इन हार्मोंन से ब्रेन-सॉफ्टवेयर रिफ्रेश होता रहता है जिससे तनाव,द्वन्द,कुंठा व मनोथकान से उत्पन्न स्ट्रेस-हार्मोन कोर्टिसाल व एड्रेनिल उदासीन होता है।
अनिद्रा, उलझन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा,अनियंत्रित नशे की लत, परिवार-कलह आदि बनी रहने पर मनोपरामर्श अति लाभकारी होता है। रेजिमेंट कमांडिंग ऑफिसर के निर्देशन व लेफ्टिनेंट कर्नल एस के सिंह की अध्यक्षता में लेक्चर सेशन का संयोजन मेजर रवि शर्मा ने किया।