-दबंग शिक्षक के प्रभाव के आगे बेबस नजर आ रहा तहसील प्रशासन
मिल्कीपुर। मिल्कीपुर तहसील मुख्यालय स्थित राजस्व गांव इनायतनगर पर तैनात लेखपाल बलदेव प्रसाद तिवारी को जिलाधिकारी नितीश कुमार द्वारा तत्काल हटाए जाने संबंधी आदेश भी मिल्कीपुर तहसील प्रशासन की नजर में बौना साबित हो रहा है। जिसका परिणाम है कि आरोपों से घिरे लेखपाल के हौसले बुलंद है और वह गांव में अनियमित और अवैधानिक कार्य करने में पूरी तरह से संलिप्त है।
बताते चलें कि मिल्कीपुर तहसील मुख्यालय पर बीते शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में ग्राम पंचायत इनायतनगर के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान रेनू यादव के नेतृत्व में संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायती प्रार्थना पत्र देकर क्षेत्रीय लेखपाल बलदेव प्रसाद तिवारी की करतूतों से अवगत कराया था। जिससे नाराज जिलाधिकारी ने एसडीएम अमित कुमार जायसवाल से कहा था कि इस लेखपाल की शिकायतें मेरे पास तक पहुंचती रहती हैं। इसे तुरंत हटा दीजिए किंतु जिलाधिकारी के उस आदेश को एसडीएम ने हवा में उड़ा दिया और आरोपों से घिरे लेखपाल बलदेव प्रसाद तिवारी पर अपनी दरियादिली दिखाते हुए हटाना मुनासिब नहीं समझा।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पुनः एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित कर कार्यवाही की गुहार करते हुए दोषी लेखपाल से ग्रामीणों का पिंड छुड़ाए जाने के साथ साथ गांव सभा की आरक्षित भूमि एवं सरकारी संपत्ति दबंगों के कब्जे से मुक्त कराए जाने की मांग की है।
बता दें कि उक्त लेखपाल ने गांव के एक दबंग शिक्षक शिवराज यादव के प्रभाव में आकर तत्कालीन एसडीएम दिग्विजय प्रताप सिंह से शिवराज यादव के पक्ष में ग्राम सभा की बेशकीमती आरक्षित भूमि को विनिमय कराने में अपनी महती भूमिका निभाई थी। जानकारी के बाद ग्रामीणों के हाथ पांव फूल गए थे ग्रामीणों ने दबंग के कब्जे से उक्त कीमती भूमि मुक्त कराने की भी मांग की है। यही नहीं ग्राम प्रधान द्वारा एसडीएम मिल्कीपुर को पक्षकार बनाते हुए दीवानी न्यायालय में एक वाद भी योजित कर रखा गया है, जिसमें सुनवाई चल रही है। इसके बावजूद भी तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह द्वारा शिक्षक के प्रभाव में आकर संगीनों के साए में ग्राम सभा की बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा करा दिया गया है।