स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने चिकित्सकों को किया सचेत

by Next Khabar Team
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कहा- समय से कार्य को करें पूर्ण, मुख्यमंत्री स्वयं करते हैं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा

अयोध्या। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ समिति की बैठक में संचारी रोग पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि जिन विभागों को जो कार्य एवं दायित्व सौंपा गया है और लक्ष्य दिये गये है उन्हें 30 सितम्बर तक अवश्य पूरा कर लें, इसे पूरे गम्भीरता से लें, लापरवाही कदापि न करें। उन्होनें बैठक में सभी डॉक्टर्स एवं संचारी रोग नियन्त्रण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों को सचेत किया कि इस कार्यक्रम की समीक्षा मुख्यमंत्री स्वयं करते है। अतः आप लोग सचेत रहे और समय से कार्य को पूर्ण करें।
जिला स्वास्थ समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत अबतक 2291 परिवारों ने निःशुल्क चिकित्सा का लाभ उठाया है जिसमें से 201 परिवार के लोगो ने पब्लिक चिकित्सालय तथा 2090 लोगो ने प्राइवेट चिकित्सा से अपना निःशुल्क इलाज कराया है। जिलाधिकारी ने बैठक में पब्लिक चिकित्सालयों में कम इलाज करने का कारण पूछा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 हरिओम श्रीवास्तव ने बताया कि इस सम्बन्ध जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, श्रीराम चिकित्सालय, मेडिकल कालेज दर्शननगर तथा सीएचसी रूदौली के चिकित्सा अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है जिन्होनें अभी कोई जवाब नहीं दिया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि मेरी तरफ से पुनः स्पष्टीकरण मांगा जाये तथा यह प्रयास किया जाये कि आयुष्मान भारत पात्र लाभार्थी पब्लिक चिकित्सालय में बड़़ी संख्या में इलाज कराकर स्वास्थ लाभ प्राप्त करें। उन्होनें कहा कि पब्लिक चिकित्सालय में योग्य चिकित्सक है तो कम उपलब्धी का कारण समझ से परे है। चिकित्सालयवार आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की स्थिति की समीक्षा करते हुये यह पाया गया कि रीजनल ट्रैनिंग सेण्टर में 7.74 प्रतिशत, डिवीजन लेवल पर 8.53 प्रतिशत, जिला मुख्यालय पर 18.37 प्रतिशत का ही व्यय हुआ है जबकि श्रीराम चिकित्सालय ने इस अवधि में 45.95 प्रतिशत धनराशि व्यय किया है। विगत माह तक आवंटित बजट का 27 प्रतिशत धनराशि व्यय की गयी थी जो माह अगस्त में बढ़कर 33 प्रतिशत हुई है। राष्ट्रीय कार्यक्रमवार आंविटत धनराशि के सापेक्ष एनपीएचसीई तथा एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम में व्यय धनराशि बहुत कम है इसे बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। जननी सुरक्षा योजनान्तर्गत संस्थागत प्रसव की ब्लाकवार समीक्षा जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा किया गया, इस दौरान उन्होनें कम प्रसव कराने वाली प्रसव इकाई की क्लास ली, किसी ने एम्बुलेंस की कमी बताई तो किसी ने स्टाफ की कमी बताई। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह स्थिति ठीक नही है। उन्होनें बताया कि वर्ष में 37153 प्रसव का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष माह अगस्त तक 11228 संस्थागत प्रसव कराये जा चुके है जो लक्ष्य का 30.22 प्रतिशत है। जबकि विगत वर्ष माह अगस्त 2018 तक 10857 प्रसव कराये गये थे, जिसकी तुलना में इस वर्ष 371 संस्थागत प्रसव अधिक है। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि हरिग्टनगंज ने विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 82, मयाबाजार ने 20, खण्डासा ने 22, बीकापुर इकाई ने 7 संस्थागत प्रसव कम करायें है। जिलाधिकारी ने इन इकाई के प्रभारियों से इसका कारण पूछा, संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उन्होनें कहा कि यह स्थिति ठीक नही है। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 13052 के सापेक्ष 9991 को मिलने वाली धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने पूछा कि शेष लाभार्थियों को अब तक भुगतान क्यों नही हुआ। जिस पर सम्बन्धित ने बताया कि वर्तमान में बजट कम है अनुदान मिलते ही सभी सम्बन्धित को भुगतान कर दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अन्तर्गत गर्भवती माताओं को पोषण ग्रहण करने हेतु 5000 रू0 की धनराशि शासन द्वारा दी जाती है, माह सितम्बर तक 31804 गर्भवती माताओं के पंजीकरण के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2699 गर्भवती माताओं का पंजीकरण हुआ है जो लक्ष्य का 84 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने पूछा कि क्या आप सबको पंजीकरण हेतु गर्भवती महिलाएं नहीं मिल पा रही है यह स्थिति अत्यन्त असंतोषजनक है। आपकी ग्राम स्तर की चिकित्सा इकाई जिसमें आशा, एएनएम के साथ आगंनबाड़ी कार्यकत्रि व सहायिका क्या कर रही है। यदि हम गर्भवती महिलाओं को समय से मिलने वाली धनराशि उपलब्ध नहीं कराते है तो हम यह कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि गर्भवती मातायें स्वयं स्वस्थ रहते हुए स्वस्थ बच्चें का कैसे जन्म देंगी, उन्होनें पंजीकरण हेतु वार्डवाइज कैम्प लगाने के निर्देश देने के साथ वार्ड मेम्बर को बुलाकर उनका सहयोग लेने का निर्देश दिये। नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण के समीक्षा के दौरान पूराबाजार व मया बाजार में कम हुये पंजीकरण को भी जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया। बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण एवं बीसीजी सहित अन्य टीकाकरण परिवार कल्याण कार्यक्रमों, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम, आशा भुगतान, पोषण पुर्नवास केन्द्र की समीक्षा की गयी। एनएचएम के अन्तर्गत निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी कार्यो को 15 अक्टूबर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने का निर्देश सम्बन्धित कार्यदायी संस्था को दिये। समीक्षा के अन्त में जिलाधिकारी ने मसौधा के डॉ0 दिनेश का प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा स्वास्थ शिक्षा अधिकारी रूदौली भावना भारती जिनकी ड्यूटी कुम्भ में लगी थी के अब तक वापस न आने पर उनके वेतन के आहरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के साथ उनके विरूद्ध प्रमुख सचिव स्वास्थ को पत्र भेजने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिये। कई कार्यक्रमों में हरिग्टनगंज और तारून के कम उपलब्धि के कारण सीएमओ से सोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। बैठक में सभी चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षक, पीएचसी एवं सीएचसी के प्रभारी तथा सम्बन्धित योजना के प्रभारी उपस्थित थे।

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