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कृषि व जैव विविधता के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर हुई चर्चा

पर्यावरण दिवस पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन

मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने निरन्तर पर्यावरण में आ रहे बदलाव के संदर्भ में कृषि एवं जैव विविधता के क्षेत्र में सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके संरक्षण व भविष्य के संकट से निकलने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को पूरी मेहनत के साथ आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि यह किसी एक छेत्र,राष्ट्र अथवा स्थान विशेष के लिए चुनौती नही है वरन यह वैश्विक समस्या है या फिर बदलाव है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में हमें मित्र जैव संसाधनों का संरक्षण करने का महत्वपूर्ण प्रयास करना होगा। कुलपति डॉ सिंह ने वेविनार की विषय वस्तु के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। राष्ट्रीय वेविनार में अपना विचार व्यक्त करते हुए उपमहानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद शिक्षा नाइ दिल्ली डॉ आर सी अग्रवाल ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण प्रतिकूल परिस्थितियों में करके कृषि छेत्र की भविष्य की चुनौतियों से काफी हद तक सामना किया जा सकता है। वेविनार में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मधुलिका अग्रवाल ने ओजोन परत के तापमान व जैवविविधता के संकट के साथ वर्तमान परिदृश्य में पर्यावरण का फसलोत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के प्रमुख वैज्ञानिक तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पशुधन संरक्षण समितियों के सलाहकार डॉ डी के सदाना ने अपने व्याख्यान में मानव जीवन के लिए वानस्पतिक विविधता के जितना ही पशुधन विविधता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब जजीव विविधता के संरक्षण की बात होती है तो पशु व वन स्वास्थ्य के प्रति भी हमारे वैज्ञानिकों को गम्भीर चिंतन करना होगा और इनके संरक्षण के प्रति सजग होना होगा।भारती पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली के विभागाध्यक्ष डॉ एस वी एस मलिक ने अपने सम्बोधन में कहा कि जजीव संक्रमण को बढाने में मनुष्यों द्वारा प्रकृति के साथ निरन्तर छेड़छाड़ करते रहने को प्रमुख कारण बताया। डॉ मलिक ने कहा कि हमें ऐसी आदतों से बचना होगा तथा मानव जाति के दूरगामी भले के लिए जैव संरक्षण के लिए प्रकृति के अलार्म को समझना होगा।राष्ट्रीय वेविनार मेंऑनलाइन स्वरूप में लगभग 500 लोगों ने राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों का विचार जाना। वेविनार के सफल आयोजन के लिए आयोजन सचिव डॉ नमिता जोशी ने सभी वक्ताओं व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रमुखरूप से प्रो आर के जोशी,डॉ जसवंत सिंह, डॉ पंकज चौधरी,डॉ के एन सिंह, डॉ बोनिका पन्त डॉ विभा लोहानी ने प्रमुख भूमिका अदा की।

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चित्रकला प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

मिल्कीपुर। शुक्रवार को ही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आनलाइन चित्र कला प्रतियोगिता का आयोजन आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं के लिए किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने छात्र एवं छात्राओं को सम्बोधित किया और इस दिवस का महत्व बताते हुए प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाने की सलाह दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्ष डा .सुमन प्रसाद मौर्य ने बताया कि घरो से शिक्षा ले रहे २०० छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल द्वारा मूल्यांकन कर विजेता घोषित किया जायेगा। पर्यावरण दिवस के मौके पर डा.डी नियोगी अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं डा. डी. के. द्विवेदी अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान ने भी अपनी बात रखते हुए धन्यवाद प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में तकनीक समिति के सदस्य के रूप में डा. साधना सिंह, डा .आदेश कुमार, डा. लक्ष्मी प्रसाद, डा रोबिन, डा मीना, डा आलोक, ई बबिता, ई थोगेन्द्र कुशवाहा, डा रोमा, डा पंकज मौर्य, डा पंकज चौधरी, डा बोनन्तिका पंत, डा दिनेश, डा रूपिका, डा गरिमा, डा उलमा यश्मिता, ने सहयोग किया।

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