अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मॉलीकुलर एनालिसिस एवं उसके प्रयोग विषय पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजन के पांचवे दिन साइटोजीन रिसर्च एवं डेवलपमेंट लखनऊ के विशेषज्ञों में इंजीनियर सुजीत सिंह एवं डॉ0 मधुलिका सिंह ने पीसीआर तकनीक से किस प्रकार डीएनए स्टैंड की बहुतायत प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती है। इस प्रक्रिया को कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को परिचित करया गया। कार्यशाला के क्रम में बायोइन्फारमेंटिक्स की माइक्रोबायोलॉजी में बढ़ती लोकप्रियता के संदर्भ में चर्चा की गई। भविष्य में प्रयोग किये जाने वाले बायोइन्फारमेटिक्स टूल्स का प्रयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों अन्य जेनेटिक बीमारियों की रोक थाम में कर सकेगे। बायोटेक्नालॉजी विभाग की प्रो0 नीलम पाठक ने आंमत्रित व्याखान में ब्लाटिंग तकनीक पर विस्तृत चर्चा कर प्रतिभागियों को अवगत कराया। इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक प्रो0 राजीव गौड़, सचिव डॉ०तुहिना वर्मा, डॉ० मणिकांत त्रिपाठी, डॉ0 आशुतोष त्रिपाठी, डॉ०वैशाली, डॉ० रेखा, डॉ० महिमा, साधना, रेनू शुक्ला, अनुराग सिंह, तिरंकारी मणि त्रिपाठी, अभिषेक द्विवेदी सहित अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।
बायोइन्फारमेंटिक्स की माइक्रोबायोलॉजी में बढ़ती लोकप्रियता पर हुई चर्चा
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