लापता बेटे को खोज कर परिवार के हवाले करे पुलिस
अयोध्या। कैंट थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी कर पैतृक जमीन का एग्रीमेंट करवा लिए जाने से जुड़ा मामला एक साल बाद फिर फलक पर आ गया है। शनिवार को विकलांग दंपत्ति में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर आमरण अनशन शुरू किया है। दंपत्ति का आरोप है कि विपक्षियों ने उसके पुत्र को अगवा कर गायब कर दिया है। पुलिस उसके बेटे को तलाश कर परिवार के हवाले करे। साथ ही प्रकरण में नामजद आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी कराई जाए। एसएसपी कार्यालय पर परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठी बुजुर्ग महिला सुरेंद्रवती पत्नी करमचंद निवासी पलिया शाहबदी गुप्तार मिश्र का पुरवा का कहना है कि भू माफियाओं ने उसके नाबालिग बेटे को जनवरी 19 में डराया धमकाया और जमीन का अपने नाम रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा लिया। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने के कुछ दिनों बाद भू माफियाओं ने उसका अपहरण कर गायब कर दिया। मामले की जानकारी पर उन्होंने कैट थाने में पूरा कला थाना क्षेत्र के टोनिया बिहारीपुर निवासी सगे भाइयों काशीराम और संतोष, इसी गांव के पवन कुमार, थाना क्षेत्र के ही गांव बनके गांव निवासी नरेंद्र कुमार सैनी और सोफिया पारा निवासी विमल मौर्या के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचना, मारपीट, गाली-गलौज और जान से मार देने की धमकी के आरोप में मुकदमा पंजीकृत कराया था। पति विकलांग है और विपक्षी आए दिन डराते धमकाते रहते हैं। एक साल से ज्यादा समय हो गया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अभी तक पुलिस उसके लापता बेटे को नहीं तलाश पाई है। महिला ने बताया कि 24 नवंबर को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई थी। ऐसा न होने पर आज 28 नवंबर से आमरण अनशन करने को लिखा था। कार्रवाई न होने पर आमरण अनशन शुरू करना पड़ा। हमारी मांग है कि दर्ज मुकदमे में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो तथा पुलिस अगवा कर गायब किए गए बेटे को खोजकर परिवार के हवाले करे।
क्षेत्राधिकारी नगर सहायक पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने उसके बेटे को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। बीच में इनका बेटा सुल्तानपुर जेल में बंद था जिसकी जमानत परिवार वाले कराकर उसे घर लाए थे। आंदोलनरत परिवार से विस्तार से पूरे मामले और घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। प्रकरण में विधिक कार्रवाई कराई जाएगी।