-अवध विवि के समाज कार्य विभाग में एक व्याख्यान माला का आयोजन
अयोध्या। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के दीक्षांत सप्ताह के व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत शुक्रवार को समाज कार्य विभाग में एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया इस व्याख्यान माला का संचालन समाज कार्य विभाग के समन्वयक डॉक्टर दिनेश कुमार सिंह ने किया डॉ सिंह ने बताया कि आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है जिसके प्रति हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है।
इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉक्टर आलोक मनदर्शन रहे उन्होंने बताया कि दुनिया में हर 40 सेकंड में एक तथा देश में प्रतिवर्ष 1.72 लाख आत्महत्या के भयावक आंकड़े तथा जीवन के आघात जैसे परिजन की मृत्यु, आर्थिक हानि, लव-ब्रेक, सेक्सुअल एब्यूज, कानूनी शिकंजा, रोड एक्सीडेंट, साइबर ठगी, आतंकी घटना,खूनी संघर्ष आदि से होने वाले मेन्टल-ट्रामा, डिस्ट्रेस, डिप्रेशन तथा जेनेटिक व मौसमी कारणों से मनोरसायनों के असंतुलन से बेचैनी,अनिद्रा, उदासी, अनमनापन ,चिड़चिड़ापन कुंठा, द्वन्द, जूनूनी बाध्यता विकार या ओसीडी,उन्माद, सिरदर्द, बेहोशी,सुसाइड,होमीसाइड,नशावृत्ति व शक-वहम आदि मनोरोग के ही विभिन्न रूप हैं। डब्लू एच ओ के अनुसार हर तीन मे एक व्यक्ति मनोरोग के किसी रूप से ग्रसित है।
डिजिटल-एडिक्शन सिंड्रोम नयी मनोमहामारी बन गयी है जिसमें रीलिंग, गेमिंग, बेटिंग, डेटिंग, साइबर-सेक्स जनित मनोअगवापन की घटनाएं शामिल हैं। स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसाल व एड्रेननिल बढ़ने से चिंता, घबराहट, आलस्य,अनमनापन,अनिद्रा,सरदर्द,पेट दर्द,तेज़ धड़कन, चिड़चिड़ापन,गुस्सा, डायबिटीज,हाई ब्लडप्रेशर, पेट की खराबी, दिल की असामान्य धड़कन आदि लक्षण भी दिखतें हैं। एक अध्ययन के अनुसार अस्सी फीसदी से भी अधिक मानसिक समस्यों का अज्ञानता व संकोचवश सटीक उपचार नही हो पाता है।
विश्व मनोस्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर की इस वर्ष की थीम है आपदा-संकट में मनोस्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच। यह थीम सशस्त्र संघर्षों और प्राकृतिक आपदा जनित सदमा-विकार से ग्रसित आबादी पर विश्व समुदाय के ध्यानाकर्षण का प्रयास है। सामाजिक, मनोरंजक व रचनात्मक गतिविधियां दिनचर्या में शामिल कर आठ घन्टे की नींद व सेल्फ-टाइम एक्टिविटी से मस्तिष्क में मूड- स्टेबलाइज़र हार्मोन सेरोटोनिन, रिवॉर्ड-हार्मोन डोपामिन,साइकिक-पेन रिलीवर हार्मोन एंडोर्फिन व लव-हार्मोन ऑक्सीटोसिन का संचार होता है जो मेन्टल टॉनिक का कार्य करता है।
यदि मनोसमस्या बनी रहे तो परामर्श अवश्य लें। इस अवसर पर डॉ प्रभात कुमार सिंह, स्वतंत्र त्रिपाठी, पल्लव पाण्डेय, सीमा तिवारी, मनप्रीत कौर, प्रशांत सिंह, रुचि पाण्डेय, सुनंदा, काजल, श्रेया, सलोनी, राशि, अनुराधा, स्मृति राय, जाह्नवी, नैन्सी, अनुराधा, प्रियांशी, कृति, सिद्धांत, चंदन, आदि उपस्थित रहे।