-मां कामाख्या धाम महोत्सव के पंचम दिवस पर श्रीराम कथा का आयोजन
रुदौली। हमारे धर्मग्रंथ आस्था एवं श्रद्धा के प्रतीक हैं।धर्म के मार्ग पर चलने वाला कभी दुखी नहीं हो सकता।प्रभु के प्रति समर्पण के बिना भक्ति संभव नहीं है।श्रद्धा और विश्वास के बिना की गई भक्ति सार्थक नहीं होगी।ये बात मां कामाख्या धाम महोत्सव के पंचम दिवस आयोजित रामकथा के दौरान कथा व्यास राघव चरण अनुरागी हरिओम तिवारी ने श्रोताओं को बताई।
इन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के अरण्यकाण्ड में रचित शबरी का प्रसंग को बताते हुए कहा शबरी भगवान राम के प्रति अनन्य भक्ति तथा भक्ति के ऊंचे सोपान का प्रतीक हैं। जीवात्मा, परमात्मा के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन कैसे करे, ये हमें शबरी से सीखने को मिलता है। माता शबरी का निश्छल, निर्दोष, सरलचित्त और निष्कपट व्यवहार साक्षात प्रभु को भी अपने पास बुलाने की क्षमता रखता है।
इसी तरह इन्होंने हनुमत प्रेम पर प्रकाश डालते हुए कहा अंजनी पुत्र महाबली हनुमान अपने आराध्य भगवान राम के प्रति अटूट प्रेम व विश्वास था।भगवान राम और हनुमान जी का मिलन पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है, जो उनके बीच के अनन्य प्रेम और विश्वास को दर्शाता है।भगवान राम के प्रति हनुमान जी के प्रेम और भक्ति से जुड़े कई प्रसंद बेहद लोकप्रिय हैं,जिसमें हनुमानजी के अद्भुत निष्ठा की झलक मिलती है जिससे संसार आज भी प्रेरणा लेता है।
उसी में से एक प्रसंग ऐसा भी मिलता है, जिसमें हनुमानजी ने अपना सीना चीर लिया था,और साबित किया था कि वो कितने राममय है।कथा के मध्य पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार पहुंचे,कटियार व विधायक रामचंद्र यादव ने व्यास पीठ का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।
इस दौरान कामाख्या महोत्सव न्यास अध्यक्ष रविकांत तिवारी मोनू संयोजक नगर पंचायत अध्यक्ष शीतला प्रसाद शुक्ल के साथ साथ इस महोत्सव के उपाध्यक्ष कमलेश यादव,शिव कुमार पाठक, निर्मल शर्मा,तेज तिवारी,श्याम बाबू गुप्ता,ललित विश्वकर्मा, अजय शुक्ला,पंकज यादव, राकेश तिवारी,राघवेंद्र शर्मा,शनि मिश्रा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।