पंचकोसी परिक्रमा का समापन कल
अयोध्या। देवोत्थानी एकादशी को होने वाली अयोध्या की पांच कोसी परिक्रमा में मुर्हुत के पूर्व ही परिक्रमार्थियों की उमड़ी आस्था दिखाई पड़ने लगी। पंचकोसी परिक्रमा का समापन शुक्रवार को मध्यान्ह होगा। परिक्रमा का मुर्हूतकाल गुरूवार को प्रातः 9.47 बजे था।
हिन्दू धर्मावलम्बी मानते हैं कि देवोत्थानी एकादशी को जो भक्त आस्था विश्वास के साथ अयोध्या की पांच कोसी परिक्रमा करते हैं उनके ईह लोक व परलोक दोनों का उद्धार होता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में युवा, वृद्ध व बच्चे पांच कोसी परिक्रमा श्रद्धाभाव से करते हैं। चूंकि पांच कोसी परिक्रमा रात्रि में भी चलती रहेगी इसलिए प्रशासन ने प्रकाश और सुरक्षा के खास इंतजाम जहां किये हैं वहीं स्थान-स्थान पर पेयजल की भी व्यवस्था किया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, होमगार्ड, पीएसी, सीआरपीएफ, एआरएफ व अन्य अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गयी है जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना न घटित होने पाये।
पंचकोसी परिक्रमा के दिन परिक्रमार्थी वापसी के समय गन्ना क्रय करते हैं और अपने घर ले जाते हैं मान्यता है कि इसी दिन से कृषक गन्ने की कटाई आरम्भ करते हैं। गन्ने का ऊपरी हिस्सा कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन भोर में सूप पीटने, उसे जलाने और ईसर आये दरिद्दर भागे के घोष के साथ महिलाएं पीटती हैं। मान्यता है कि सूप पीटने से घर के अन्दर निवास करने वाली दरिद्र आत्मा का निष्कासन होता है तथा मां लक्ष्मी का प्रवेश होता है। चौदह कोसी परिक्रमा के साथ शुरू कार्तिक पूर्णिमा मेला का समापन 12 नवम्बर को होगा इस स्नान पर्व पर गुप्तार घाट पर जहां भगवान प्रभु राम ने जल समाधि लिया था विशाल मेला लगेगा। साथ ही सरयू के विभिन्न घाटों व अन्य नदियों में लोग भोर में स्नान कर भगवान श्रीराम का पूजन अर्चन करेंगे।