महात्मा सन्तोष भारती की तपोभूमि अमौनी मठ पर नाव के सहारे जाने को मजबूर श्रद्धालु
रुदौली। रुदौली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत महात्मा सन्तोष भारती की तपोभूमि अमौनी मठ लोगों की आस्था व श्रद्धा का केंद्र बना है । जिले की सीमा पर आदिगंगा गोमती व कल्याणी नदी के संगम स्थल पर स्थापित इस तपोभूमि पर प्रतिदिन सैकडों लोग दर्शन और पूजन के लिए आते हैं । मान्यता है कि इस मठ पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।यहां स्थित गोमती नदी के घाट पर पुल निर्माण की मांग एक अर्से से श्रद्धालु व् आसपास के ग्रामीण करते आ रहें हैं । लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने पुल निर्माण की दिशा में कोई पहल नही की।जिससे दर्जनों गांवों के श्रद्धालुओं को मठ तक पहुंचने के लिए नदी नाव से पार करना पड़ता है।धार्मिक दृष्टिकोण से यह लोगों के लिए बड़ा मुद्दा है।लेकिन सियासी दलों ने इसे कभी मुद्दा नही बनाया ।
रामपुर जनक के प्रधान राजेश यादव व जैनुल बतातें हैं । कि अयोध्या व बाराबंकी जिले की सीमा पर स्थित गोमती नदी के अमौनी घाट पर पुल का निर्माण न होने से दोनों जनपदों के सैकड़ों गांवों के वाशिंदों को 20 किमी दूर सुबेहा या फिर मवई कस्बा जाना पड़ता है । अमौनी गांव के चुन्नूलाल निषाद, ईश्वरदीन, राजेन्द्र,लालता प्रसाद,दयाराम, सूर्य प्रकाश आदि श्रद्धालुओं का कहना है।कि इस मठ के धार्मिक महत्व को देखते हुए गोमती नदी पर पुल का निर्माण तथा मठ को जोड़ने वाले सभी जर्जर संपर्क मार्ग का निर्माण होना नितांत आवश्यक है।उनका कहना है । कि गोमती नदी के अमौनी घाट पर पुल न बनने से सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर नदी नाव से पार उतर कर विद्यालय जाने को मजबूर हैं। विधायक रामचन्द्र यादव का कहना है । कि इसके लिए वह प्रयासरत हैं । केंद्र में भाजपा सरकार बनते ही इस दिशा में ठोस प्रयास किया जायेगा ।