अयोध्या। बारून बाजार ओ0 एम0 एकेडमी के विद्यालय प्रांगण में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन रंगभरी एकादशी के पुण्य दिवस पर जनपद के विभिन्न स्थानों से आये हुये भक्तगण कथा व्यास सर्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा कही जा रही कथा श्रवण करने पश्चात् उत्साह से परीपूर्ण होकर फूलों एवं अबीर होली मनाई।
सर्वेश प्रपन्नाचार्य ने बताया कि भगवान सदा दीन दुःखियो पर कृपा करते है। भक्त सुदामा अत्यन्त गरीब होने के बाद भी भगवान के अनन्य उपासक थे। उनके द्वारिका पहुँचने पर भगवान श्री कृष्ण स्वयं सुदामा जी को श्रीमती रुक्मणी जी के निज पलंग पर विठाया एवं चरण धोए। धोए हुए चरण जल सम्पूर्ण द्वारिकापुरी में छिड़काव कराया। दो मुठ्ठी चावल के बदले अतुल ऐश्वर्य प्रदान किया। साधु सन्तों का कभी भी तिरस्कार नही करना चाहिए भगवान के पुत्रों ने साम्ब को स्त्री का उपहास किया जिसमें परिणामस्वरूप सम्पूर्ण यदुवंश का सगंहार हो गया। मदिरा पीकर एक दूसरे को ही लोगों ने मारा। मदिरा, जुआ, वेरया और अधर्म के द्वारा कमाया हुआ धन सदा मनुष्य को भ्रष्ट कर देता है। भागवत धर्म का पोषण करने के लिए श्रीमद्भागवत की कथा कही गई। राजा परीक्षित को श्री सुखदेव जी ने कथामृत के द्वारा भगवान के नित्य धाम में प्रतिष्ठित कर दिया। तक्षक नाग ने शरीर को काटा अवश्य, परन्तु श्री परीक्षित जी भगवान के धाम में प्रतिष्ठित हो चुके थे। श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को अवश्य श्रवण करनी चाहिए इनके श्रवण मात्र से ही मनुष्य का सर्वविधि कल्याण होता है। मंच का संचालन रानू गुप्ता ने किया इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी रामानुज सिंह रामा, सन्त परमात्मा दास, प्रवेश पाण्डेय, विवेक उपाध्याय, विद्यालय प्रबन्धक धर्मपाल पाण्डेय, बाल व्यास सम्पूर्णानन्द, आशीष उपेन्द्र तिवारी, सुधांशु मिश्रा, विष्णु कौशल, जगत पाल, अभय पाल पाण्डेय, रविन्द्र पाण्डेय, चन्द्रप्रकाश गुप्ता, विनाद जायसवाल, लोकेश द्विवेदी, रोहित मिश्रा, अर्जुन दूबे आदि श्रोतागण उपस्थित रहे।
भागवत कथा के सातवें दिन फूलों व अबीर से सरोबार हुए भक्त
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