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अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा में उमड़े श्रद्धालु

चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगाहबानी

अयोध्या। मंगलवार की प्रातः 6. 5 से जय श्रीराम उद्घोष के साथ रामनगरी अयोध्या की प्रसिद्ध चौदह कोसी परिक्रमा शुरू हो गयी। यह परिक्रमा बुधवार की शाम तक चलेगी। रामनगरी अयोध्या के सरयू तट से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान कर अपनी परिक्रमा शुरू की वहीं परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले विभिन्न मन्दिरों के पास से भी श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ को नमन कर परिक्रमा की शुरूआत की। परिक्रमा मार्ग को पांच जोन व नौ सेक्टर में विभाजित कर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जोन में एएसपी व सेक्टर में डीएसपी रैंक के पुलिस अफसर तैनात किए गए हैं।
अयोध्या की परिक्रमा का विशेष महत्व हैं इसलिए परिक्रमा मेला में हरवर्ष करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होते हैं। इसबार अयोध्या प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय के फैंसला आने के मद्देनजर जुड़वा शहर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी व अर्ध सैनिक बलों की जहां तैनाती की गयी है वहीं भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए रूट डायवर्जन भी किया गया है। परिक्रमा पथ पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जहां तैनाती की गयी वहीं ड्रोन कैमरे की मदद से भी निगरानी की व्यवस्था कर दी गयी है।
परिक्रमा का शास्त्रों मे महत्व बताते हुए कहा गया है कि यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणपदे पदेण्ण्ण्परिक्रमा या संस्कृत में प्रदिक्षण शब्द का अर्थ है प्रभु की उपासनाए अपने मनोवांछित फलकी प्राप्ति के लिए श्रद्धालु चाहे वह किसी धर्म का होए मंदिर गुरूद्वारे और मस्जिदों की परिक्रमा करते हैं। इसमें उस स्थान की परिक्रमा की जाती है जिसकें मध्य में देवी देवता की कोई प्रतिमा या कोई ऐसी पूज्य वस्तु रखी होती है। जिसमें उस व्यक्ति का विश्वास और आस्था होती है। ऋग्वेद के अनुसार परिक्रमा का अर्थ है दक्षिण की दिशा की ओर बढ़ते हुए देवी देवता की उपासना करना। अयोध्या में मुख्य तौर से तीन प्रकार की परिक्रमा होती हैं। पहली 84 कोसी, दूसरी 14 कोसी व तीसरी 5 कोसी। बताते चलें कि एक कोस में तीन किलो मीटर होते हैं। अयोध्या की सीमा तीन भागों में बंटी है। इसमें चैरासी कोस में अवध क्षेत्र 14 कोस में अयोध्या नगर और 5 कोस में अयोध्या का क्षेत्र आता है। इसलिए तीन परिक्रमा की जाती है। इनमें से 84 कोसी परिक्रमा में साधू.संत हिस्सा लेते हैं तो 14 कोसी और 5 कोसी परिक्रमा में आम लोग शामिल होते हैं।

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कार्तिक परिक्रमा-पूर्णिमा मेला का मुहूर्त

चौदह कोसी परिक्रमा 5 नवंबर को सुबह 6. 05 से प्रारंभ होकर 6 नवंबर प्रातः 7.49 तक चलेगी। जबकि पंच कोसी परिक्रमा 7 नवंबर को सुबह 9.47 बजे से 8 नवंबर दोपहर 11.56 तक चलेगी। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 11 नवंबर को शाम 5रू34 से 12 नवंबर को शाम 6. 42 तक होगा।

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