-कार्यालय का किया निरीक्षण, ट्रक व बस यूनियन के पदाधिकारियों के साथ की बैठक
अयोध्या। एकमुश्त शास्ति योजना को गति देने के लिए बुधवार को लखनऊ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद आरटीओ ऑफिस पहुंचे। उनके पूर्व निर्धारित दौरे के अनुसार उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया और ट्रक बस यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी किया। संभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने ओटीएस योजना को और गति प्रदान करने पर जोर दिया।
दरअसल अयोध्या संभाग में एकमुश्त शास्ति योजना के अंतर्गत जमा की गई धनराशि में अयोध्या में एक अप्रैल 2020 में आच्छादित वाहन 8322 और बकाया धनराशि 24 47.28 आवेदन नौ आए और निस्तारित भी नौ कर दिए गए। इसी प्रकार अंबेडकरनगर में आच्छादित वाहन 3218 बकाया धनराशि 776.94 ओटीएस योजना के तहत आवेदन 19 आए और निस्तारित 123 आवेदन किए गए जमा धनराशि 2.96 है। सुल्तानपुर में वाहन 3522 बकाया 428.26 आवेदन आठ है निस्तारित चार की गई। 1 लाख 97 हजार जमा कराए गए। बाराबंकी में आच्छादित वाहन 5198 बकाया धनराशि 16 26.17 ओटीएस योजना अंतर्गत 7 आवेदन आए जिसमें आठ का निस्तारण किया गया।
वही ओटीएस योजना के अंतर्गत 4 लाख 59 हजार जमा कराए गए। अमेठी में 1795 आच्छादित वाहन बकाया धनराशि 363.85 आवेदन आए सात निस्तारित तीन आवेदन हुए और 2.19 लाख जमा कराया गया। अयोध्या संभाग में कुल आच्छादित वाहन 22055 और बकाया धनराशि 5643.50 लाख कुल आवेदन 50 प्राप्त हुए। जिनमें से 45 आवेदन स्थापित किए गए। उनसे कुल 16 लाख 60 हजार राजस्व प्राप्त हुई। उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने मासिक लक्ष्य की भी समीक्षा की। संभाग का जुलाई माह के लक्ष्य 3339.38 के सापेक्ष 1366.20 लाख राजस्व प्राप्त किया गया।
मासिक लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि 40.91 रही। उप परिवहन आयुक्त लखनऊ परिक्षेत्र निर्मल प्रसाद ने एकमुश्त शास्ति योजना और मासिक लक्ष्य के प्रगति की समीक्षा के दौरान संभाग के अधिकारियों को विभागीय प्रगति को और तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही हिदायत दी कि अगली बैठक में और अच्छे परिणाम संभाग के दिखने चाहिए।उप परिवहन आयुक्त अंबेडकर नगर भी जायेंगे। जहां पर कार्यालय निरीक्षण और नीलामी के कार्य में शामिल होंगे। उसके उपरांत अयोध्या में विश्राम के करने के बाद राजधानी रवाना हो जायेंगे। बैठक में आरटीओ प्रशासन संजय सिंह, एआरटीओ प्रशासन अयोध्या आरपी सिंह के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।