-महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सौंपा मुख्यमत्री को सम्बोधित ज्ञापन
अयोध्या। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई ने आंगनबाड़ी बहनों के हो रहे उत्पीड़न व समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को मुख्यमत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं के मांगों एवं समस्याओं के समाधान हेतु विभाग को कई बार पत्र देने के बाद भी मांगों पर विचार व समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। आंगनबाड़ी बहनों का उत्पीड़न बहुत ही बढ़ गया है। जिसके कारण आंगनबाड़ी बहनों में अत्यधिक रोष व्याप्त हो गया है। संगठन ने समस्याओं के समाधान हेतु शीघ्र ही कदम उठाने की मांग की है।
सौंपे गये ज्ञापन में मांग की गयी है कि आंगनबाड़ी बहनों का मानदेय आज की महंगाई के हिसाब से बहुत ही कम है जिससे कि इनका जीवन यापन करना अत्यधिक कठिन हो गया है। वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 4500रू और सहायिका को 2250 रू प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जाता है। तथा राज्य सरकार की तरफ से मात्र 1500 एवं 750 रू दिया जाता है। इस प्रकार आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 6000 एवं आंगनबाड़ी सहायिका को 3000/- का भूगतान किया जाता है।
कार्य के अनुसार यह मानदेय बहुत ही कम है जबकि अन्य राज्यों में एक सम्मान जनक मानदेय दिया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री को न्यूनतम मानदेय कम से कम रू 10000- मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 7500 रूपये आंगनबाड़ी सहायिका को 5000 रूपये शीघ्र ही करने का आदेश निर्गत किया जाय। आंगनबाड़ी बहनों को दिये गये मोबाईल जो ज्यादातर खराब हो चुके हैं। मोबाईल रिचार्ज वर्ष 2019 के बाद से अभी तक नहीं आया है। आंगनबाड़ी महिलाओं को अपने अल्पतममानदेय से मोबाईल का रिचार्ज कराना पड़ता है। मोबाईल व रिचार्ज का पैसा शीघ्र ही दिया जाय ताकि विभागीय कार्य करने में असुविधा ना हो सके।
प्रदेश के पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं मे ईसीसीई एजुकेटरों को रखे जाने पर काफी रोष व्याप्त है। प्री प्राईमरी स्कूल का प्राशिक्षण प्राप्त कर चुकी आंगनबाड़ी महिलाओं को ही रखा जाय। 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी आंगनबाड़ी बहनों को बिना ग्रेच्युटि / पेंशन के ही सेवा समाप्त कर दिया जा रहा है जिससे यह आगनबाड़ी बहने अपनी वृद्धा अवस्था में भुखमरी के कगार पर चली जा रही रहीं है। इनकों सेवा उपरान्त ग्रच्युटि या पेंशन का लाभ दिया जाय।
जनपद आगरा में पिछले दिनों हुए निर्दोष आंगनबाड़ी महिलाओं पर कार्यवाही उचित नहीं है क्योकि पुष्टाहार घोटाले की जांच किये बगैर ही गरीब आंगनबाड़ी महिलाओं पर एकतरफा कार्यवाही करते हुए निलम्बित कर दी गयी निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाई तथा निर्दोष आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शीघ्र ही रिहा की जाय। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से जिला संरक्षक रणवीर सिंह गुड्डू, जिलाध्यक्ष सरोज व महामंत्री निर्मला मिश्रा आदि शामिल थी।