-वामदलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन सौंपा राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन
अयोध्या। इसराइल द्वारा फिलीस्तीन में जारी नरसंहार को तत्काल बन्द करने, दो राज्यों की स्थापना के लिए तत्काल बातचीत का सिलसिला शुरू करने, 1967 की सीमाओं के अनुसार फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने, मोदी सरकार द्वारा अमेरिका इसराइल परस्ती बन्द करने आदि मुद्दों को लेकर गुरुवार को वामदलों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत तहसील सदर पर अपना प्रतिवाद दर्ज कराते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि अमेरिकी- इसराइली हमले के 07 नवम्बर को एक महीने पूर्ण हो चुके हैं। अब तक दस हजार से ज्यादा बेगुनाह जानें जा चुकी हैं जिनमें लगभग 06 हजार बच्चे व महिलाएं शामिल हैं। रिहाइशी इलाकों, अस्पताल, स्कूल कालेज, मस्जिदों, राहत कैम्पों और एम्बूलेंसो पर बमबारी जारी है। बिजली, पानी, रसद व जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति काट दी गई है। आगे कहा गया कि अमेरिका के प्रत्यक्ष सैनिक- कूटनीतिक समर्थन समेत अन्य साम्राज्यवादी देशों की मदद से आत्मरक्षा के नाम पर किया जा रहा यह एक खुला जनसंहार है। एक समूचे देश के वजूद को मिटा देने की कोशिश है।
युद्ध व मानवाधिकार से जुड़े तमाम अंतर्राष्ट्रीय नियम व मान्यताएं स्थगित कर दी गई है। वाम नेताओं ने कहा कि भारत फिलीस्तीनी आवाम के मुक्ति आंदोलन का पुराना समर्थक रहा है। देश की मौजूदा मोदी सरकार न्याय और शांति के हमारे इस परम्परागत रुख को पलट कर बेगुनाहों के नरसंहार और खुले अन्याय के समर्थन में खड़े होते हुए अमेरिका इसराइल परस्त विदेश नीति पर चल रही है। ऐसे में हमें पूरी ताकत से सड़कों पर उतर कर इस जुल्म का विरोध दर्ज करते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग उठाते रहनी होगी।
इस अवसर पर भाकपा जिला सचिव अशोक कुमार तिवारी, भाकपा (माले) जिला प्रभारी अतीक अहमद, माकपा जिला सचिव अशोक यादव, सूर्यकांत पाण्डेय, राम भरोस, मयाराम वर्मा, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, विनोद सिंह, अयोध्या प्रसाद तिवारी, ओमप्रकाश यादव, रामजी राम यादव, उदयचंद यादव, राजेश वर्मा, राम सिंह, आशीष कुमार, पप्पू सोनकर, मो. आरिफ, शिवमंगल, दिलीप गुप्ता, अज़ीज़ उल्ला अंसारी, विश्राम आदि उपस्थित रहे।