डिल्यूजनल डिसऑर्डर करातें हैं अंधविश्वास के कृत्य : डा. आलोक मनदर्शन

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

-आस्था व अंधविश्वास में है सूक्ष्म मनोविभेद

अयोध्या। हाल ही में कानपुर के एक परिवार द्वारा बेटे के शव के पुनर्जीवित हो जाने के अंधविश्वास में डेढ़ वर्ष तक घर में रखे जाने की घटना से अंधविश्वास व आस्था के मनोविश्लेषण व मनोविभेद जागरूकता की आवश्यकता को प्रबल कर दिया है।  जिला चिकित्सालय के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन के अनुसार आस्था वह मनोदशा है जिससे मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन तथा तनाव दूर करने वाले व आनन्द की अनुभूति वाले हार्मोन एंडोर्फिन व आक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मन में स्फूर्ति, उमंग, उत्साह ,आनन्द व आत्मविश्वास का संचार होता है तथा मानसिक शांति व स्वास्थ्य में अभिवृद्धि होती है।

जबकि अंधविश्वास से अपरिपक्व, न्यूरोटिक, व साईकोटिक मनोरक्षा-युक्तिया प्रबल होती हैं जो कि मनोअंतर्दृष्टि को क्षीण करते हुए डिसोसिएटिव डिसऑर्डर, कन्वर्जन डिसऑर्डर,फ़ोबिया,अवसाद, ओ.सी.डी.,उन्माद , अवसाद व स्किजोफ्रिनिया जैसी गंभीर मनोरोग का कारण बन सकती है।वहीं दूसरी तरफ गम्भीर मनोरोग से ग्रसित व्यक्ति या परिवार भी जघन्यतम अंधविश्वास के कृत्यों पर उतारू हो सकता है जिसे मनोविश्लेषण की भाषा मे डिल्यूजनल डिसऑर्डर कहा जाता है।

समय समय पर पूरी दुनिया में अंधभक्ति या अंधविश्वास जनित जघन्य घटनाये सामने आती रहती है । हाल ही में कानपुर के एक परिवार द्वारा बेटे के शव के पुनर्जीवित हो जाने के अंधविश्वास में घर मे ही डेढ़ वर्ष तक रखे जाने की घटना इसका ताजा उदाहरण है तथा कुछ वर्षों पूर्व दिल्ली के बुराड़ी में घटी घटना ने तो झकझोर कर रख दिया था जिसमे समूचे परिवार ने आत्मा को अमर कर लेने के अंधभक्ति में आत्महत्या ही कर ली थी।

इसे भी पढ़े  दो दिन चली लंबी पैमाइश के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा का हुआ पटाक्षेप

 

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya