-दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान पर कुलपति ने प्राचार्यों व संयोजकों के प्रति आभार प्रकट किया
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद के पहले व आठवें दीपोत्सव में विश्व रिकार्ड बनने पर समितियों के संयोजकों, महाविद्यालयों व इण्टर कालेज के प्राचार्यो और समन्वयक के प्रति आभार ज्ञापित किया। उन्होंने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में अपराह्न समस्त से कहा कि प्रभु श्रीराम नगरी के दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान सभी के एकजुटता से मिला है। इसमें सभी ने गिलहरी की भांति सहयोग प्रदान किया है।
प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से ही पुनः आठवीं बार विश्वविद्यालय को दीपोत्सव को आलौकिक व भव्य बनाने में सफलता मिली है। बैठक में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ अयोध्या के सम्बद्ध महाविद्यालय, इण्टर कालेज, स्वयंसेवी संस्थाओं के 30 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने राम की पैड़ी के 55 घाटों पर योजनाबद्ध तरीके किए गए कार्य ने लक्ष्य को आसान कर दिया। इनके द्वारा 28 लाख दीयों को बिछाने के साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीपों को प्रज्ज्वलित कर पुनः विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।
बैठक में कुलपति ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण कार्य एक टीम भावना से ही होना संभव था जिसमें सभी ने एकजुटता एवं समय की प्रतिबद्धता से हासिल किया। इसी के परिणामस्वरूप दीपोत्सव में लक्ष्य आसानी से प्राप्त करते हुए पुनः गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ।
दीपोत्सव-2024 के नोडल अधिकारी प्रो. एसएस मिश्र ने दीपोत्सव की सफलता का श्रेय कुलपति के कुशल प्रबंधन को दिया। उन्होंने कहा कि इसमें सभी का परस्पर सहयोग रहा है। सभी समितियां ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निवर्हन किया है।
बैठक में वित्त अधिकारी पूर्णेन्दु शुक्ला, कुलसचिव डॉ अंजनी कुमार मिश्र, परीक्षा नियत्रंक उमानाथ, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. चयन कुमार मिश्र, प्रो. नीलम पाठक, प्रो. गंगाराम मिश्र, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ला, प्रो. अनूप कुमार, प्रो. शैलेन्द्र वर्मा, प्रो. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. पीके द्विवेदी, डॉ. राना रोहित सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. सुरेन्द्र मिश्र, डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी, उपकुलसचिव डॉ. रीमा श्रीवास्तव, दिनेश कुमार मौर्य, डॉ. त्रिलोकी यादव, डॉ. अंकित श्रीवास्तव, रवि प्रकाश मालवीय, आरके सिंह सहित सम्बद्ध महाविद्यालयों व इण्टर कालेज के प्राचार्यो और समन्वयक मौजूद रहे।