-परिजनों ने एक अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर किया प्रदर्शन
अयोध्या। कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास शहीद राजकुमार यादव के बेटे व सोहावल तहसील में लिपिक शिवम यादव की शनिवार की देर शाम दुर्घटना में मौत हो गई। परिजनों ने एक अधिकारी पर मृतक लिपिक की प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि मंगलवार को अधिकारी ने लिपिक के बाल मुंडवा दिए, तभी से वह अवसाद में बताया गया है। परिजनों ने मामले को लेकर जिला अस्पताल में ही हंगामा व प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। कर्मचारी संगठनों ने भी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
वहीं शहीद के बेटे की मौत के प्रकरण में जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह का कहना है कि मौके पर नगर मजिस्ट्रेट राजेश मिश्र को भेजा गया है। सभी पक्षों से बातचीत कर सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे का निर्णय किया जाएगा। जिलाधिकारी ने परिवार के सदस्यों से अपील की है कि वह संबंधित अधिकारी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें।
वहीं नाराज परिजनों ने सड़क जाम कर दी। देखते ही देखते वहां सैंकड़ों लोग पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। वहीं सूचना मिलते ही सांसद अवधेश प्रसाद व पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय भी पहुंच गए और उन्होंने परिवार से घटनाक्रम जाना। सांसद अवधेश प्रसाद नें कहा वह मंगलवार को मामले को सदन मे उठायेंगें और एसडीएम के खिलाफ कार्यवाई व गिरफ्तारी की मांग करेंगें ।
मृतक के भाई हिमांशु यादव नें मीडिया को बताया एस डी एम सोहावल अभिषेक सिंह द्वारा उनके भाई के यादव होने की वजह बेइज्जत करने के उद्देश्य से तहसील परिसर मे बाल मुंडवा दिया गया था तब से वह अवसाद मे चल रहे थे और अवसाद के चलते ही उनकी सड़क दुर्घटना मे मृत्यु हुई।
पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय ने बताया कि शहीद राजकुमार यादव का बेटे सोहावल तहसील में कार्यरत था, सोहावल तहसील में पोस्ट उपजिलाधिकारी द्वारा लगातार शिवम् यादव का उत्पीड़न किया जाता था, घूस माँगा जाता था, घूस न देने पर माँ-बहन की गाली दी जाती थी, और उपजिलाधिकारी ने मंगलवार को शिवम यादव का जबरदस्ती मुण्डन कराकर उसे अपमानित किया, इन सारी प्रताड़नाओं से शिवम मानसिक रूप से परेशान था जिसके कारण दुर्घटना में शिवम की मृत्यु हो गयी।
हम सरकार से माँग करते हैं कि घूसखोर एसडीएम को तत्काल बर्खास्त किया जाय और हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाये, तथा सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी एवं परिवार के भरण-पोषण हेतु एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे। समाचार लिखे जाने तक तक जिला चिकित्सालय पर परिजनों का प्रदर्शन जारी था।