-छोटी बेटी ने मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार
मिल्कीपुर। वक्त के साथ समाज की सोच भी बदल रही है बेटियां पिता की अर्थी को कंधा देने के साथ ही मुखाग्नि दे रही है ऐसा ही मामला मरूई गणेशपुर के बुच्चू तिवारी में देखने को मिला। गांव में पहली बार परंपराओं से हटकर बेटियों ने पिता के अर्थी को कंधा दिया तथा छोटी बेटी ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया मृतक का कोई बेटा नहीं था बल्कि तीन बेटियां ही थी।
जानकारी के अनुसार मिल्कीपुर तहसील अंतर्गत कुमारगंज थाना क्षेत्र के मरूई गनेशपुर पूरे बुच्चू तिवारी 52 वर्षीय अवध राज तिवारी 1 वर्ष से कैंसर से पीड़ित थे। जिनका निधन आज शनिवार कि सुबह बीमारी के चलते हो गया।
मृतक के तीन बेटियां हैं बड़ी बेटी बिंदु, दूसरी रेनू ,छोटी बेटी रोली जिसमें दो बेटियों का विवाह हो चुका है बड़ी बेटी बिंदु का विवाह कुमारगंज थाना क्षेत्र के द्विवेदीनगर गोयड़ी निवासी अरुण द्विवेदी के साथ हुई है तो वही दूसरी बेटी रेनू की शादी कुमारगंज के तेन्धा गांव निवासी देवानंद के साथ हुई है।
जिसमें सबसे छोटी बेटी रोली अविवाहित है वह स्नातक की पढ़ाई कर रही है। आज सुबह भूगोल की परीक्षा थी परीक्षा देने के बाद जब रोली घर पहुंची तो अंतिम संस्कार की सारी रस्में पूरी कर मुखाग्नि दी। उन्होंने बेटी होकर भी बेटे की तरह जिम्मेदारी पूरी कर क्षेत्र में मिसाल कायम की जिसे देखकर ग्रामीणों ने कहा कि समय के साथ सोच बदलने की जरूरत है।जिस बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी वह जब 4 साल की थी तभी उसके ऊपर से मां का साया हट गया था।
लोगों को सोच सिर्फ बदलने की जरूरत है मृतक के दामाद कवि अरुण द्विवेदी का कहना है कि उनके पिता ने सभी बेटियों को बेटों की तरह पाला है उन्हें कभी भेदभाव नहीं किया सभी को अच्छी शिक्षा दिलाई और दो बेटियों की शादी की,छोटी बेटी रोली की शादी की योजना थी पर उसके पहले वह चल बसे। अब जमाना बदल गया है पुरानी कुरीतियां रही है कि दाह संस्कार का काम केवल बेटे ही कर सकते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं है जमाना बदल रहा है जो काम बेटे कर सकते हैं उस काम को बेटियां भी कर सकती है। लोगों को सिर्फ सोच बदलने की जरूरत है।