-ऑनलाइन जालसाजी करने वाले चार गिरफ्तार, मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, आधार व बैंक पासबुक तथा पासपोर्ट बरामद
अयोध्या। जनपद में नवगठित साइबर थाना पुलिस के हाथ पहली बड़ी कामयाबी लगी है। साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन लॉटरी, पेटीएम, बंद खाता चालू कराने और ओटीपी के बहाने जालसाजी कर मोटी रकम हासिल करने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, आधार व बैंक पासबुक तथा पासपोर्ट बरामद किया है।
डिजिटल तकनीक के व्यापक प्रसार के बाद ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें आम हो गई हैं। ऑनलाइन पटल पर लाखों की लॉटरी जीतने, पेटीएम के केवाईसी व अन्य कार्य तथा बैंक खातों के बंद होने का झांसा देकर इसको चालू कराने और एटीएम कार्ड के वेरिफिकेशन के बहाने ओटीपी मंगाने आदि के माध्यम से उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले तमाम मामलों की छानबीन और पड़ताल में जुटी साइबर थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों ने अपना नाम पता रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ अजीजुर रहमान उर्फ गामा निवासी पथरा थाना मांझागढ़ जिला गोपालगंज, बिहार हाल पता मकान मालिक मुन्ना निवासी नया टोला थाना फुलवारी शरीफ जिला पटना प्रांत बिहार,अजय सिंह उर्फ गुड्डू सिंह निवासी जगदीश बनकटा थाना बनकटा जनपद देवरिया उत्तर प्रदेश, दिलीप महतो उर्फ दीपू निवासी रतन सराय जाफर टोला थाना बरौली जिला गोपालगंज बिहार व रामायन निवासी वेलही गोइता टोला थाना कटेया जिला गोपालगंज प्रांत बिहार बताया है।पुलिस ने इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, 8 फर्जी नाम पते पर हासिल मोबाइल सिम कार्ड, दो एटीएम कार्ड, चार आधार कार्ड, एसबीआई बैंक की दो पासबुक और एक पासपोर्ट बरामद किया है।
किराए पर लेते थे बैंक खाता, खाड़ी देशों से रकम आने का देते थे झांसा
-पकड़े गए लोगों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह लोग जालसाजी से हासिल रकम को किराए के खाते में डलवाते थे और इसके लिए प्रति खाता 10 से 15000 रुपए पर किराए पर लिया जाता था। इस रकम में से महज 5000 रुपये ही खाताधारक को मिलता था, जबकि बाकी का पैसा खाता उपलब्ध कराने वाले बिचौलिए के पास जाता था। खाताधारक को झांसा दिया जाता था कि खाड़ी के देशों सऊदी अरब आदि से रकम आनी है। केवल टैक्स बचाने के लिए यह रकम उनके खाते में डलवाई जा रही है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि बैंक उपभोक्ता का खाता खुलवाने के बाद एटीएम, पासबुक, नेट बैंकिंग का यूजर नेम और पासवर्ड वह अपने पास रख लेते थे और ऑनलाइन लॉटरी, पेटीएम केवाईसी समेत अन्य माध्यमों से जालसाजी कर लोगों का पैसा इन खातों में जमा कराते थे। जिनका बैंक खाता खुलवाया जाता था,वह लोग उन्हीं के आधार कार्ड अथवा अन्य पहचान पत्र से मोबाइल सिम हासिल कर लेते थे जिससे पुलिस उन तक न पहुंच सके। वारदात की जानकारी होने पर पुलिस की ओर से संबंधित उपभोक्ता का बैंक खाता सीज करा दिया जाता था लेकिन मोबाइल नंबर व कागजात उसी का होने के चलते पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाती है।
ठगी के लिए बना रखे थे कमीशन एजेंट
-गिरोह ने ऑनलाइन जालसाजी के लिए पूरा नेटवर्क बना रखा था। बैंक खाता हासिल करने के बाद इस खाते की डिटेल अपने गिरोह से जुड़े सलमान, जियाउल, जुनेद, शेख अब्दुल्ला जाफर उर्फ इमाम, शहादत हुसैन अंसारी, आजम, जुबेर, रहमान समेत अन्य को दे दिया जाता था। यह लोग मोबाइल फोन अथवा व्हाट्सएप कॉल से फोन कर उपभोक्ता को केबीसी लॉटरी, एटीएम कार्ड ब्लॉक होने, बैंक खाता बंद होने आदि की भ्रामक सूचना देकर अपने झांसे में लेकर ठगी करते थे और ठगी की रकम संबंधित खाते में जमा करवा देते थे। पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता लगा है कि गोपालगंज बिहार का रहने वाला दिलीप महतो मोबाइल की दुकान चलाता है और दुकान पर आने वाले ग्राहकों के सिम कार्ड एक्टिवेशन के दौरान ही वह पेटीएम, गूगल आदि अकाउंट बना लेता था और साइबर ठगी के लिए भेज देता था। इतना ही नहीं ग्राहकों की परिचय पत्र से फर्जी कागजात तैयार कर मोबाइल कनेक्शन हासिल कर लिए जाते थे और फर्जी खातों में ओटीपी और पासवर्ड के लिए सिम उपलब्ध हो जाता था।
गिरोह सरगना ने बना रखी है करोड़ों की संपत्ति
-खुलासा करने वाली पुलिस टीम का कहना है कि इस गिरोह का सरगना रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ गामा है। जिसने इसी ऑनलाइन जालसाजी के बदौलत करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर रखी है। फुलवारी शरीफ पटना में ही इसकी लगभग 4 करोड रुपए की आलीशान कोठी है। गिरोह के अन्य सदस्यों ने भी ऑनलाइन जालसाजी के इस गोरखधंधे से मोटी कमाई की है। सभी से विस्तार से पूछताछ कर पूरा ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है। गिरोह के सदस्यों के पास से तमाम उपभोक्ताओं की गोपनीय जानकारी का डाटा मिला है। पुलिस जालसाजी का शिकार हुए तमाम लोगों के बारे में छानबीन कर रही है। गुरुवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि सटीक सूचना पर साइबर थाना पुलिस की टीम ने इन सभी को मॉडल रेलवे स्टेशन फैजाबाद के निकट पोस्टमार्टम हाउस के पास से गिरफ्तार किया है। गिरोह में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को टास्क सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि जालसाजी और धोखाधड़ी से अर्जित संपत का चिन्हीकरण कराया जा रहा है। जिसको जप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।