लेखकों, कवियों, रंगकर्मियों व शिक्षकों व मेधावियों को किया गया सम्मानित
अयोध्या। 67वें प्रभु झूलेलाल महोत्सव पर आयोजित विराट सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन राम नगर कालोनी स्थित प्रभु झूलेलाल मंच पर सम्पन्न हुआ। उक्त जानकारी देते हुए संगठन के प्रवक्ता पुरूषोत्तम दासवानी ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन के माध्यम से विगत कई वर्षो से लेखकों, कवियों, रंगकर्मियों , शिक्षकों मेधावियों इत्यादि का उत्साह वर्धन व सम्मान होता आया है। उसी कड़ी में राजस्थान से पधारे पूर्व विधायक राजस्थान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने प्रभु झलेलाल के चित्र पर दीपजला कर माला पहनाकर कार्यक्रम का सुभारम्भ किया। सांई नितिन राम और साथियों ने आरती गायन किया । मुख्य अतिथि ज्ञानदेव आहूजा का स्वागत माल्यार्पण व पाखर प्रदान दयाल दास मध्यान मोहन मध्यान गिरधारी चावला ओम प्रकाश अंदानी , कमलेश केवलानी जय प्रकाश क्षेत्रपाल डाॅ0 महेश सुरतानी, राकेश तलरेजा, अमृत राजपाल सुखदेव रावलानी द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने कर कमलों से कुशल रामानी, हर्ष केशवानी सहेज चावला, लक्ष्यटेक चंदानी विवेक अमलानी, पूजा सेतन, लक्ष्यटेक चंदानी विवेक अमलानी पूजा सेतन, इत्यादि मेधावियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया।
सिंधी भाषा पठन पाठन में रूचि रखने वाले हिमांशी छतवानी कनक चैनानी शालिनी अंदानी श्रीमती पिंकी आहूजा, प्रिया हासानी, लवली उतरानी इत्यादि विद्यार्थियों को सम्मानित कर उनका उत्साह वर्धन किया। इस महोत्सव के माध्यम से कला प्रतियोगिता, भाषा वाक्य पटटुता, सिंधी व्यंजन की प्रतियोगिताओं की विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत व सम्मानित किया गया। मुख्यरूप इन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ठ स्थान प्राप्त करने के लिए श्रीमती सरस्वी देवी चावला श्रीमती रौनक मध्यान, श्रीमती अनीता माखेजा सुश्री अविका मध्यान, श्रीमती रेनू सावलानी को पुरस्कृत कर गौरवान्वित किया गया।
अपने उदवोधन में पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने उपस्थित विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित होकर कहा दुनिया में बहुत सारी सभ्यताएं सम्पूर्ण दृष्टिकोण न अपनाने के कारण नेस्तनाबूत हो गई पर हमारी सिंधु सभ्यता जिसे आगे चलकर हिन्दु सभ्यता कहा गया, हजारो वर्षो से जीवित है। यद्यपित माम विदेशी आक्रमण हुए और भारतवर्ष का सीमान्त प्रदेश होने के कारण सिंध के वीर सपूत विदेशी आक्रमण कारियों को भारत मे न घुसने देने के लिए युद्ध करते रहे। ऐसी महान सभ्यता के वारिस जिनकी भूमि पर वेदों की रचना हुई। हजारो साल पुरानी सभ्याताए खुदाई में मिली। ऐसे पूर्वजों की संताने अपनी भाषा व संस्कृति को वर्तमान पश्चात् वातावरण में समाप्त न होने दे ये मेरी भावुक अपील है।
प्रभु झूलेलाल की शोभायात्रा में गत वर्ष प्रदर्शित की गयी झांकियो को पवन जीवानी व मनोहर हेमनानी ने पुरस्कृति कर सम्मानित किया। प्रमुख रूप से बेटा -बेटी एक समान, मुल्क शत्शत् नमन अटल विहारी, विश्व शान्ती, बढ़ते बलात्कार समाज में मचा हाहाकार , प्राथमिक विद्यालयों की दुर्दशा, पत्नि देवी, उत्कृष्ठ अभिनय के लिए संजय आहूजा व गौरव वरयानी का उत्साह वर्धन किया गया। सभा का संचालन जय प्रकाश क्षेत्रपाल व अमृत राजपाल ने किया, अन्वत वर्षा होते रहने के वावजूद भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा व उल्लास में कुछ भी अन्तर न पड़ा व देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आनन्दित होते रहे। प्रमुख रूप से भोपाल से पधारे मोहित शिवानी, नागपुर से मंजू श्री आसुदानी, राजस्थान से गिरीश व पवन इत्यादि ने अपने सुगठित दलो के साथ पूरे वातावरण को भक्तिमय बनाया। सभा के अन्त में संगठन के अध्यक्ष मोहन मध्यान ने आभार ज्ञापित किया । समारोह मे प्रमुख रूप से दीपक आहूजा, गोविन्द चावला, शंकर राजपाल, अजय कटारा, नरेन्द्र क्षेत्रपाल, सुनील मध्यान, ओम मोटवानी, विजय लखमानी, विनोद हिमोरानी कमल रावलानी, सौरभ लखमानी गौरव मदनानी कैलाश साधवानी इत्यादि सम्पूर्ण व्यवस्थाओं में सक्रियता से भागीदारी निभाते रहे।
3 Comments