-कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में भेजी गयी जेल, वर्ष 2014 में जिला न्यायालय परिसर में हुआ था जानलेवा हमला
अयोध्या। सुलतानपुर के धनपतगंज ब्लाक प्रमुख यश भद्र सिंंह उर्फ मोनू व उनके साथियों पर दस साल पहले अयोध्या के कचहरी परिसर में बमों व असलहों से जानलेवा हमला करने के लिए ललकारने के मामले में आरोपिता मझवार कला की प्रधान कमला देवी की जमानत प्रार्थना पत्र खारिज हो गयी है।
सोमवार को यह आदेश विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट अशोक कुमार दूबे ने सुनवाई के दौरान मामला गम्भीर होने पर दिया है। इसके पहले आरोपिता अंतरिम जमानत पर थीं जमानत खारिज होने के बाद न्यायाधीश ने आरोपिता को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत जेल भेजने का आदेश पारित किया।
मामले में आरोपिता कि विरूद्ध संबंधित कोर्ट से गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्यवाही का आदेश हुआ था पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपिता ने तीन दिन पहले संबंधित एमपी/एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था जहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी तरफ से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर तीन दिन के लिए अंतरित जमानत स्वीकार किया था।
वहीं सुनवाई के दौरान मुकदमें के वादी यश भद्र सिंह उर्फ मोनू के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश तिवारी, अमित तिवारी व हरिवंश सिंह ने आरोपिता कि प्रार्थना पत्र का घोर विरोध करते हुए अंतरित जमानत निरस्त करने की याचना किया था।
यह मामला नगर कोतवाली अन्तर्गत जिला कचहरी स्थित सिविल कोर्ट का वर्ष 2014 का है।
अभियोजन पक्ष से रोहित पाण्डेय ने बताया कि 9 जुलाई 2014 को दिन के साढे़ बारह बजे कानूनगो राम कुमार यादव के अपहरण व हत्या के मामले में कार्रवाई समाप्त होने के बाद जिला जज की अदालत से जैसे ही सुलतानपुर जनपद के धनपतगंज के यशभद्र सिंह उर्फ मोनू व उनके साथी बाहर निकले थे तभी लॉकप के समीप उनपर बमों व असलहों से जानलेवा हमला कर हत्या का प्रयास किया गया था। इसके बाद हमलावरों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दिया गया। वहीं जवाबी फायरिंग में एक हमलावर की मौत हो गयी थी।
इस दौरान अधिवक्ताओं ने भाग रहे एक हमलावर जयनेन्द्र शर्मा को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। मामले में चोटहिल मोनू सिंह की तरफ से नगर कोतवाली में मु.अ.सं. 537/14 अन्तर्गत धारा 147, 148, 149, 307, 326, 504, 506 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
वहीं मामले में सुलतानपुर के भाजपा नेता विनोद सिंह व मझवार कला की प्रधान कमला देवी को भी आरोपित किया गया था हालांकि मामले में विनोद सिंह को मुकदमे से राहत मिल गयी है जबकि कमला देवी के खिलाफ संबंधित कोर्ट से गैर जमानती वारंट की कार्रवाई हुआ था। इसी के साथ आरोपिता कमला देवी ने एमपी/एमएलए कोर्ट में हाजिर हुई थीं।