कहा- 18 सितम्बर को होगी प्रदेशव्यापी कलमबंद हड़ताल
अयोध्या। उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंको में जिला सहकारी बैंक का विलयीकरण करने से कर्मचारियों की कई समस्याओं का स्वतः निदान हो जायेगा जिसको लेकर चरणबद्ध आन्दोलन चलाया जा रहा है। विलयीकरण के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति के समक्ष यूनियन ने सुझाव प्रस्तुत किये हैं परन्तु विलयीकरण की कार्यवाही शिथिल है। यह जानकारी जिला सहकारी बैंक सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बैंक कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने दिया।
उन्होंने बताया कि यदि सक्षम विभागीय अधिकारी बैंक यूनियन की मांग नहीं मानते तो 18 सितम्बर को पूरे प्रदेश के सहकारी बैंक कर्मचारी हड़ताल करते हुए बैंक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश के 50 जिला सहकारी बैंक प्रदेश सरकार की नीतियों के तहत वित्त पोषण का एक मात्र बैंकिंग वित्तीय संसाधन है। सहकारी विभाग के गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली के तहत इन बैंको में बैंकिंग के मूलभूत सिंद्धातो की अवहेलना की जाती है जिससे बैंक वित्तीय संकट में आ जाते हैं। केन्द्र व राज्य सरकार ने 16 बैंको को वर्ष 2016 में वित्तीय सहायता प्रदान किया है परन्तु सहकारी विभाग के कारण उस सहायता का लाभ सहकारी बैंको को नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश बैंको में वित्तीय दुरूपयोग, गबन व अनियमित्ताओं के ठोस प्रमाणों पर भी कार्यवाही न होने के कारण वित्तीय रूप से सुदृढ़ बैंक भी वित्तीय संकट में फंस गये हैं। उन्होंने बताया कि पांच सूत्रीय मांगो को लेकर 21 अगस्त से चरणबद्ध आन्दोलन किया जा रहा है। 29 अगस्त को जनजागरण के लिए जनपद मुख्यालयों और लखनऊ में पत्रकार वार्ता कर समस्याओं से अवगत कराया गया। उन्होेंने बतराया कि 30 अगस्त को प्रदेश के कर्मचारियों का आयुक्त व निबंधक सहकारिता कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन प्रस्तावित है। पत्रकार वार्ता में यूनियन के मंत्री अरविन्द कुमार व संरक्षक सन्नू लाल भी मौजूद रहे।