– जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में वर्तमान परिवेश में मीडिया की भाषा विषय पर हुआ व्याख्यान
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 25 वे दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में दीक्षांत सप्ताह के क्रम में जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में ”वर्तमान परिवेश में मीडिया की भाषा” विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आशुतोष शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता के लिए भाषा विज्ञान का प्रारम्भिक ज्ञान होना आवश्यक है। पत्रकारिता की भाषा में निपुण होने के लिए निरन्तर अध्ययन एवं लेखन एक आवश्यक दिनचर्या के रूप कार्य करना होगा। पहले की अपेक्षाकृत आज की पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौतियां अधिक हैं। उन्होंने छात्रों को बताया कि पत्रकारिता में यह आवश्यक है कि हर कालखंड के विषय वस्तु को जानने के लिए उत्सुक रहे। तभी आप उन्हे वर्तमान से तुलना कर सकेंगे। पत्रकार असाधारण कार्य करते हुए भी अत्यंत साधारण रहता है। शुक्ल ने बताया कि वह भाषा अत्यन्त सुंदर है जिसमें आप स्वयं सरलता पूर्वक अभियक्ति कर सके। इसके लिए यह आवश्यक है कि हम सब अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें जो आत्मविश्वास मातृभाष से स्पष्ट हो सकता है। वह प्रभाव अन्य भाषा में नहीं प्राप्त हो सकता। सरल और छोटे वाक्यों की भाषा में पठनीयता अधिक होती है और उसे सहजतापूर्वक समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भाषा सीखने को सीखने के लिए रेडियो पर प्रसारित समाचार एवं आदर्श प्रस्तुति हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि बहुआयामी उद्देश्यों पर पकड़ बनाने के लिए विद्यार्थियों को फिल्म जगत, खेल, राजनीति और हो रहे सामाजिक परिवर्तनों पर अध्ययन आवश्यक हो जाता है तभी समाचार लेखन में तुलनात्मक प्रस्तुति करने की समझ विकसित होती है। पत्रकारिता के क्षेत्र में सदैव सकारात्मक सोच के साथ छात्रों को आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम में विभाग के समन्वयक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की और वर्तमान परिवेश में पत्रकारिता के समझ भाषा बदलाव को समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन विभाग के शिक्षक डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा ने किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ0 अनिल कुमार विश्वा, डॉ0 राज नारायण पाण्डेय, अंकिता, आरती, सर्वेश, आशुतोष, महेश, अंशुमान, शशांक, सुरभि, रोहित, बलराम, राधा, अभिषेक, आशुतोष, शैलेंद्र अशोक, हर्षित, प्रतिष्ठा, शिवानी, अमन, शशिकेश, शर्मिष्ठा, जनार्दन, गीताजंली, युक्ति, सुमन, ज्योति सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।