-डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को सौंपा गया 8 सूत्रीय ज्ञापन
मिल्कीपुर। नगर पंचायत कुमारगंज स्थित संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में अनवरतचल रही अव्यवस्थाओं एवं सीएमएस की मनमानीका मामला अब प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के दरबार जा पहुंचा है।
तिरंगा यात्रा में शामिल होने कुमारगंज पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को कुमारगंज के व्यापारी नेता दिनेश कौशल ने 100 सैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा और क्षेत्रवासी लोगों के कल्याणार्थ स्थापित किए गए अस्पताल में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कराए जाने की गुहार की।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से एक्सरे कराने वाले मरीजों को फिल्म न दिए जाने, अस्पताल पर जरूरी दवाएं उपलब्ध न होने एवं अस्पताल के सीएमएस की मनमानी सहित डॉक्टरों के समय से अस्पताल में न उपस्थित रहने की शिकायतें शामिल रहीं।ज्ञापन मिलने के बाद डिप्टी सीएम ने तत्काल प्रभावी कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन क्षेत्रवासी शिकायतकर्ता व्यापारियों एवं लोगों को दिया।
फार्मासिस्ट के सहारे चल रही सौ शैय्या अस्पताल की इमरजेंसी सेवा
मिल्कीपुरा। सौ शैय्या चिकित्सालय में एक बार फिर डॉक्टरों की मनमानी देखने को मिली है। सीने में उठे तेज दर्द से कराहता मरीज अस्पताल में घंटे भर से डॉक्टर का इंतजार करता रहा लेकिन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर की कुर्सी खाली की खाली पड़ी रही। अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट मरीज को इमरजेंसी वार्ड में उपचार के लिए ले गए और इमरजेंसी ड्यूटीमें लगे डॉक्टर को फोन भी किया लेकिन डॉक्टर साहब का फोन ही नहीं उठा। बता दें कि सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय के डॉक्टर आए दिन मनमानी किया करते हैं कभी ओपीडी तो कभी इमरजेंसी की कुर्सी छोड़कर गायब हो जाते हैं। जिसके चलते मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला बुधवार को देखने को मिला जब गाजनपुर निवासी 65 वर्षीय रामानुज सिंह पुत्र सूर्यभान सिंह सीने में उठे तेज दर्द की समस्या को लेकर दोपहर करीब 2ः00 बजे अस्पताल पहुंचे तो वहां पर कोई भी डॉक्टर उन्हें नहीं मिला। दर्द से कराहने की आवाज सुनकर फार्मासिस्ट ने उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया और उनका ब्लड प्रेशर व ईसीजी का जांच किया। लगभग 3ः15 मिनट तक कोई भी डॉक्टर उन्हें देखने तक नहीं आया। फार्मासिस्ट ने इसकी सूचना अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को देने हेतु कई बार फोन किया किन्तु उनका फोन नहीं उठा।
इसके बाद मरीज की जान जोखिम में डालकर फार्मासिस्ट ने दो इंजेक्शन लगा कर इति श्री कर लिया। मरीज ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार के यहां ग्राम भखौली में आया था वापस घर जाते समय अचानक सीने में तेज दर्द उठा, इसके बाद जैसे तैसे वह सौ शैय्या अस्पताल पहुंचे। जहां इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।
इसी बीच इमरजेंसी में अपनी पत्नी को लेकर पहुंचे एक अन्य तीमारदार ने बताया कि उनके पत्नी के कूल्हे में तेज दर्द उठ रहा है मगर अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है अब किसे दिखाएं। इस बारे में जब अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर रवि पांडे से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में दूसरे डॉक्टर को सूचना दे दी गई है, वह अभी पहुंच ही रहे होंगे। जिनके करीब 15 मिनट बाद अस्पताल के दूसरे डॉ संतोष सिंह पहुंचे और मरीज का समुचित इलाज शुरू हो सका ।