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रोजगार के लिए कम्युनिकेशन स्किल आवश्यक : प्रो. मनोज दीक्षित

द-की रोल ऑफ कम्युनिकेशन स्किल्स इन द लाइफ ऑफ प्रोफेशनल्स” विषय पर हुआ व्याख्यान

अयोध्या। देशव्यापी लॉकडाउन में डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने सोमवार को विश्वविद्यालय के आईईटी संस्थान एवं आवासीय परिसर के छात्र छात्राओं को ”द-की रोल ऑफ कम्युनिकेशन स्किल्स इन द लाइफ ऑफ प्रोफेशनल्स” विषय जूम क्लाउड होस्टिंग एप प्लेटफॉर्म से व्याख्यान दिया। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से व्याख्यान में लगभग 250 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। व्याख्यान को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि आज के जीवन के लिए कम्युनिकेशन स्किल्स सहज एवं आवश्यक है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि कम्युनिकेशन को अंत्योदय तक पहुचाने के लिए भी थोड़ा सा अपना समय दे। क्योंकि कम्युनिकेशन एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति के हाव-भाव और विचारों का वाहक होता है। यह क्षेत्रवार, राज्यवार और राष्ट्रीय स्तर पर भिन्न-भिन्न होता है। कुलपति ने दैनिक जीवन में बाबू शब्द का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी विशेष क्षेत्र में बाबू का मतलब छोटा बच्चा होता है, तो किसी क्षेत्र में पिता, तो किसी कार्यालय में क्लर्क को बाबू कहा जाता है। यह इस बात को इंगित करता है कि वाक्य एक ही है किंतु क्षेत्रवार व समाजवार उसका अर्थ अलग अलग है और इसकी भिन्नता को समझना और समझाना ही कम्युनिकेशन है। उन्होंने कहा कि कुशल प्रतिभा के लिए कम्युनिकेशन बहुत अच्छा हो कोई जरुरी नहीं है लेकिन प्रतिभावान द्वारा बनाये टूल्स के लिए कम्युनिकेशन स्किल बहुत आवश्यक है। इंटरनेट का उपयोग होने के पश्चात पूरा विश्व जैसे सिमट गया है। एक देश से दूसरे देश की विशेषता, सुविधा हेरिटेज, तकनीकी इत्यादि से रोजगार के नए स्वरुप पूरे विश्व में आज उपलब्ध है। लेकिन ऐसे रोजगार के लिए कम्युनिकेशन स्किल बहुत जरूरी है। आज एक दूसरे के विचार को उनकी भाषा में जानने के लिए प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो0 आरएन राय ने छात्रों से कहा कि आज के समय में अपने को स्थापित करने के लिए कम्युनिकेशन स्किल्स की विशेष भूमिका होती है। इसके न होने से वह हर-हर क्षेत्र में पीछे हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को अपने स्किल्स को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। आईईटी के निदेशक प्रो0 रामपति मिश्र ने बताया कि सेना में देश के हर कोने से जवान आते है और उनकी भाषा और बोली अलग अलग होती है किंतु अपनी कम्युनिकेशन स्किल को विकसित कर पूरे देश में आसानी से भ्रमण करते हुए अपनी सेवा देते है। उन्होंने बताया कि देश के कई रक्षा सौदा और संयुक्त सेना का अभ्यास, ट्रेनिग अलग-अलग देशों के साथ होती है तो इसमे कम्युनिकेशन स्किल्स की भूमिका बढ़ जाती है। तकनीकी कार्यक्रम का संचालन इं0 रमेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में इं0 पारितोष द्वारा सभी प्रतिभागियों को जूम एप प्लेटफॉर्म द्वारा जोड़ा गया। कार्यक्रम में प्रो0 अशोक शुक्ल, प्रो0 जसवंत सिंह, डॉ0 तुहिना वर्मा, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 प्रवीण राय, डॉ0 महेन्द्र पाल, डॉ0 सुधीर, डॉ0 प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ0 महिमा चौरसिया, डॉ0 वंदिता पाण्डेय, डॉ0 बृजेश भारद्वाज, डॉ0 कविता श्रीवास्तव, डॉ0 संजीत पांडेय, इं0 विनीत सिंह, इं0 आस्था सिंह कुशवाहा, इं0 आशुतोष मिश्र, डॉ0 अतुलसेंन, इं0 शाम्भवी शुक्ला, इं0 अखिलेश मौर्या, इं0 परिमल तिवारी, इं0 आशुतोष सहित संस्थान के छात्र-छात्राएं शामिल रही।

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