20 हजार रिश्वत लेते सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने पकड़ा, दर्ज कराया भ्रष्टाचार का मुकदमा, ले गई साथ गोरखपुर बिजलेंस मुख्यालय
अयोध्या। जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ट्रांसफर पोस्टिंग और संबद्धता के नाम पर वसूली के खेल में फस गए। एक चिकित्सक की शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उनके आवास पर 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। रात भर चली पूछताछ के बाद ट्रैप टीम के प्रभारी ने नगर कोतवाली में सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है। सीएमओ को अपने साथ ले गई है। बताया गया कि शुक्रवार की शाम लगभग 7ः30 बजे जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानी बाजार अमोना पर तैनात चिकित्सक डॉ विजय प्रताप सरोज अपनी संबद्धता समाप्त कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम श्रीवास्तव के सरकारी आवास पहुंचे। संबद्धता समाप्त कराने के एवज में उन्होंने लिफाफे में रखा दो-दो हजार के 10 नोटों का लिफाफा सीएमओ को सौंपा। योजना के तहत पहले से तैयार सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ की ट्रैप टीम ने सीएमओ को रिश्वत के 20 हजार के साथ हिरासत में ले लिया और लेकर कोतवाली चली गई। मामले की खबर फैली तो स्वास्थ्य महकमे समेत क्षेत्र में हलचल मच गई। स्वास्थ्य कर्मियों का जमावड़ा नगर कोतवाली पर होने लगा। थोड़ी ही देर में जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी भी कोतवाली पहुंच गए। रात भर चली पूछताछ और पाताल के बाद ट्रैप टीम प्रभारी की ओर से शुक्रवार की सुबह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम श्रीवास्तव के खिलाफ नगर कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत नामजद मुकदमा पंजीकृत कराया गया। जिला अस्पताल के इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ शिशिर श्रीवास्तव को रजिस्टर समेत कोतवाली बुलाया गया और वहीं पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद ट्रैप टीम सीएमओ को लेकर गोरखपुर बिजलेंस मुख्यालय के लिए रवाना हो गई।
चिकित्सक ने की थी सतर्कता अधिष्ठान में लिखित शिकायत
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैरिंगटन गंज के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानी बाजार अमौना मैं तैनात चिकित्सक डॉ विजय प्रताप सरोज मूलनिवासी ग्राम बेला कोर्ट पोस्ट शेरपुर थाना जहानागंज जिला आजमगढ़ हाल पता कौशलपुरी कॉलोनी फेस दो एमआईजी-23 सी ने 2 सितंबर को एसपी अधिसूचना उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ को लिखित शिकायत दी थी कि कई बार लिखित और मौखिक वार्ता के बावजूद सीएमओ बिना सुविधा शुल्क लिए उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज से संबद्धता समाप्त करने को तैयार नहीं है। सीएमओ ने 29 जून को पुणे प्रत्येक सप्ताह 3 दिन के लिए शाहगंज पीएचसी से संबंध किया था। आरोप था कि संबद्धता खत्म करने के लिए 20 हजार रुपए मांगा जा रहा है। वह सुविधा शुल्क देने के बजाय सीएमओ को पकड़वाना चाहते हैं।
शिकायत पर कराई गई गोपनीय जांच
चिकित्सक की शिकायत पर एसपी अधिसूचना अखिलेश कुमार निगम की ओर से निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह को गोपनीय जांच सौंपी गई और आख्या देने का आदेश दिया गया। निरीक्षक में मौके पर जाकर गोपनीय जांच की ओर भौतिक सत्यापन आख्या 11 सितंबर को एसपी अधिसूचना को दी। कहां की शिकायतकर्ता की नियुक्त 29 जून को सीएमओ डॉ हरिओम श्रीवास्तव ने सीएचसी हैरिंग्टनगंज से पीएचसी शाहगंज पर सप्ताह में 3 दिन के लिए की। जांच में पाया गया कि सीएमओ की छवि भ्रष्ट और रिश्वतखोर के रूप में है। वह विभिन्न पदों पर जिले में 17-18 वर्षों से तैनात हैं। उनकी 1-2 वर्ष तैनाती रायबरेली जनपद में रही है।
शासन से अनुमति लेकर गठित हुई ट्रैप टीम
गोपनीय जांच आख्या मिलने के बाद 24 सितंबर को ट्रैप का निर्णय हुआ और मामला प्रदेश सरकार के राजपत्रित अधिकारी से जुड़ा होने के चलते प्रकरण में अनुमति के लिए शासन के मुख्य सचिव सचिव सतर्कता को पत्र भेजा गया। अगले दिन अपर मुख्य सचिव सर्किल की ओर से स्वीकृत हासिल हुई और 26 सितंबर को एसपी अधिसूचना सेक्टर लखनऊ अखिलेश कुमार निगम ने 10 सदस्यीय ट्रैप टीम गठित की। निरीक्षक विनोद चंद्र तिवारी के नेतृत्व वाली इस टीम में शामिल निरीक्षक संजय कुमार सिंह, रवि भूषण पांडेय, चेतराम गोयल, मुख्य आरक्षी संजय कुमार, सै. मो. मेहंदी जैदी, गिरीश चंद महिला आरक्षी मरियम, आरक्षी चालक मसीउद्दीन व कमलेश कुमार दो सरकारी वाहनों से उसी दिन देर रात जनपद पहुंचे और बाईपास स्थित एक रिजॉर्ट मैं डेरा डाला। शुक्रवार की सुबह डीएम और एसएसपी से मिलकर एसडीएम आर जे बी मानसिंह और सहायक अभिलेख अधिकारी बाबूलाल को बतौर स्वतंत्र गवाह हासिल किया। केमिकल लगे नोट एक लिफाफे में रखे और शिकायतकर्ता डॉ. सरोज को शाम को सीएमओ के आवास भेजा। घूस की रकम लेने के बाद टीम ने सीएमओ को हिरासत में ले लिया। घूस की रकम 20 हजार तथा जेब से 7560 रुपए बरामद किया। एसपी सिटी विजय पाल सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ के ट्रैप टीम प्रभारी निरीक्षक विनोद चंद्र तिवारी की ओर से शनिवार की सुबह नगर कोतवाली में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत नामजद मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।