-नींद है स्ट्रेस-रिमूवर, हैप्पी-हार्मोन करते हैं ब्रेन-सॉफ्टवेयर रिफ्रेश : डा आलोक मनदर्शन
अयोध्या। सतत दक्षता व अनुशासन के दबाव की सहन-शक्ति अभिवृद्धि यानी स्ट्रेस- कोपिंग कैपसिटी इनहेंसमेंट के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल-सीआईएसएफ के मऊशिवाला कैम्पस में आयोजित संवाद-सत्र में जिला चिकित्सालय के माइंड-मेंटर डा आलोक मनदर्शन ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षाबलों को बिना शिथिल हुए मानसिक रूप से शान्त, संयमित व चपल रहने के लिये गुणवत्तापूर्ण नींद पहली प्राथमिकता है,क्योंकि नींद से ही ब्रेन- बैटरी चार्ज होकर स्ट्रेस को डिलीट करती है और नयी चुनौतियों के लिये पुनः तैयार होती है।
यह मनोगतिकीय क्रिया मेन्टल-रेजिलिएन्स या मनो-प्रत्यास्थता कहलाती है। मूड स्टेबलाइज़र हार्मोन सेराटोनिन, रिवॉर्ड हार्मोन डोपामिन,साइकिक-पेन रिलीवर हार्मोन एंडोर्फिन व लव-हार्मोन ऑक्सीटोसिन नामक बिग फोर हैप्पी-हार्मोन्स का भी अहम रोल है। इन हार्मोंन से ब्रेन-सॉफ्टवेयर रिफ्रेश होता रहता है जिससे तनाव व मनोथकान से उत्पन्न स्ट्रेस-हार्मोन कोर्टिसाल व एड्रेनिल उदासीन होता है।
इस प्रकार समुचित नींद व खुशमिजाजी से मनो-लचीलापन बढ़कर दबाव सहन-शक्ति मे वृद्धि करती है जिससे दिमाग व शरीर दोनो स्वस्थ रहते हैं। अनिद्रा या उलझन दो हफ्ते से ज्यादा महसूस होने पर मनोपरामर्श अवश्य लें। जिला चिकिसालय की मनोस्वास्थ्य इकाई द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की जानकारी मुकेश पाठक द्वारा दी गयी। असिस्टेंट-कमांडेंट रोहित ढाका के निर्देशन में आयोजित सत्र का संयोजन इंस्पेक्टर अभय ठाकुर ने किया।