-इन्टैक अयोध्या अध्याय की ओर से अब प्रत्येक एकादशी को होगी मां सरयू की भव्य एवं दिव्य आरती
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-जेबी अकादमी के छात्र छात्राओं को किया गया प्रशिक्षित
अयोध्या। बैसाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी पर गुरुवार को जेबी अकादमी के छात्रों ने मां सरयू की भव्य संध्या आरती की। गुप्तारघाट स्थित चरणपादुका मंदिर के समक्ष सरयू घाट को दीपों से सजाया गया। शाम दीपों की रोशनी के बीच श्वेत एवं पीत परिधान में बच्चों ने मां सरयू की दिव्य आरती के साथ नदी की पवित्रता को बनाए रखने का संदेश दिया। सरयू नदी के महत्व एवं उसके संरक्षण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर इन्टैक अयोध्या अध्याय की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर इन्टैक अयोध्या अध्याय की संयोजक मंजुला झुनझुनवाला ने कहा कि जब नदी किसी से भेदभाव नहीं करती है तो हम मनुष्यों को भी भेदभाव नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार नदी सबको सामान्य रूप से अपना जल प्रदान करती है। उसी प्रकार हम सभी को आपसी मनमुटाव, जाति, धर्म का भेदभाव भूल कर भाईचारे के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक एकादशी को स्कूल के बच्चे मां सरयू की दिव्य आरती करेंगे और अपनी संस्कृति, नदी की उपयोगिता एवं उसकी शुद्धता व पवित्रता का संदेश जनजन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। कार्यक्रम की संयोजक डा. दिव्या शुक्ला ने कहा पक्की मिट्टी के दिये दोबारा मिट्टी में नहीं मिलते हैं। पर्यावरण की शुद्धता के लिए यह प्रयास होना चाहिए कि कच्ची मिट्टी के दिये का सभी प्रयोग करें। अगर पक्की मिट्टी के दिये का प्रयोग करें तो उसे दोबारा प्रयोग में लाने के लिए सुरक्षित रख लें, कहीं फेंके नहीं। उन्होंने कहा कि धरती पर नदी ही मीठे पानी स्रोत है, इस लिए इसे प्रदूषित होने से बचाने के लिए हम सभी अपनी भूमिका का निर्वहन करें। आरती के जरिए यह संदेश दिया गया कि जल ही जीवन है इस लिए इसे हर कीमत पर बचाना है। प्रधानाचार्य विमल कुमार जोशी ने कहा कि छात्रों की यह गतिविधि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण की भावना को प्रदर्शित करती है।
सरयू अयोध्या क्षेत्र के लिए एक पवित्र नदी के रूप में ही नहीं, पशु पक्षियों, वनस्पति व कृषक समाज के लिए आर्थिक रूप से जीवन प्राण बनकर प्रवाहित होती है। अकादमी के हिंदी विभाग के शिक्षक राघवेंद्र अवस्थी ने मां सरयू की आरती लिखी और शिक्षक आशा तिवारी, निर्मल तथा पीसी तिवारी ने छात्रों को प्रशिक्षित किया। आरपी चौबे, अैरिज मेहंदी, अवधेश ने सहयोगी की भूमिका निभाई। सूर्यांश, मृगेंद्र, कार्तिके, हर्षित, शिवांश ने आरती की। अविका, जान्हवी, अनुकृति, अग्रता, शिक्षा ने सहयोग किया। आरती के बाद सरयू रितुदमन, सुयश, वेदांशी, रीतिका, राशि, अविरल राज, युवराज, दिशा, प्रभमीत ने सरयू गीत प्रस्तुत किया। तबले पर देव नंदन, हारमोनियम पर आस्था और विजय घंट पर वृंदा ने संगत दी। कक्षा नौ के छात्र छात्राओं ने घाट पर 501 दिये जलाए। इन दीपों को भविष्य के लिए पुनः संरक्षित किया गया।