-श्रीराम अस्पताल के बगल होगा निकास द्वार, वृद्ध व दिव्यांग जनों के लिए चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पथ की डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इस पथ पर मंदिर परिसर से 90 मीटर पहले यात्री सामानों की जांच के लिए स्कैनर लगाया जाएगा। पहले यह स्कैनर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा प्रस्तावित यात्री सुविधा केंद्र के लाकर काउंटर पर बनाया जाना था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की आपत्ति के बाद स्थान परिवर्तित कर दिया गया है। खास बात यह है कि स्थल बदले जाने की जानकारी जन्मभूमि पथ निर्माण एजेंसी को नहीं दी गयी। इसके कारण कार्यदायी एजेंसी के अधिकारी उस समय असहज हो गये जब मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र के समक्ष इस योजना का खुलासा किया। फिलहाल उन्होंने मण्डलायुक्त गौरव दयाल को निर्देशित किया कि एसएसपी समेत सभी अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर डिजाइन तय करें।
राम जन्मभूमि पथ के समानांतर निकास का एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाएगा। इसका डीपीआर शासन को प्रेषित किया जा चुका है। इस वैकल्पिक मार्ग का निकास द्वार श्रीराम चिकित्सालय के बगल होगा। मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन मिश्र ने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को शीघ्रातिशीघ्र मार्ग निर्माण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने रामजन्मभूमि के प्रवेश द्वार पर वृहद एवं खूबसूरत जंक्शन बनाने की सलाह भी दी। लोनिवि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि रामपथ पर पहले ही 18-18 मी. गहराई में जमीन अधिग्रहीत कर ली गयी है।
जन्मभूमि पथ पर वृद्ध एवं दिव्यांग जनों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन संचालन का भी प्रस्ताव है। उधर जन्मभूमि पथ पर 21 डिजाइनर विद्युत पोल लगाकर दूधिया प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा 42-42 बेंच भी यात्रियों के बैठने के लिए बनाए जाने की व्यवस्था की जाएगी। एडीए उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि डिजाइन में पार्किंग स्थल शामिल नहीं है। बताया कि प्रवेशद्वार पर रिसेप्शन काउंटर बनाया जाएगा। इसके साथ पेयजल व महिला-पुरुष के लिए आठ-आठ सीटर शौचालय भी बनवाया जाएगा।
वहीं भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने लोनिवि की ओर से जन्मभूमि पथ के किनारों पर लगने वाले ब्लैक टाप पर बोलार्ड पत्थरों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने निर्देशित किया कि पूरी सड़क समतल होनी चाहिए। उन्होंने रंगमहल के दक्षिण में खाली भूमि को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह स्थान सुंदर तरीके से विकसित कर खुला रखा जाए, जिससे कि आकस्मिक स्थिति में उपयोग हो सके। इसी तरह से निमार्णाधीन सड़क के दाएं छूटी जमीन का उपयोग सड़क की चौड़ाई में करने का निर्देश भी दिया गया।