कहा- अब तो यहां आना-जाना लगा ही रहेगा
अयोध्या। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का शुक्रवार को अयोध्या आगमन हुआ। आगमन के पश्चात उन्होंने भगवान श्री रामलला मंदिर में दर्शन पूजन किया। अगले चरण में वे अयोध्या सिविल लाइन्स स्थित मण्डलायुक्त आवास पहुँचे जहां उनका स्वागत मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने किया। इस अवसर पर सी0ई0ओ0 नवदीप रिणवा, आई0जी0 प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर, नगर आयुक्त विशाल सिंह, प्रसिद्ध साहित्यकार यतीन्द्र मोहन मिश्र उपस्थित रहे।
अगले चरण में अभिताभ बच्चन सिविल लाइन में ज्वेलरी शोरूम के उदघाटन के अवसर पर पहुंचे इस दौरान उन्होंने अपने चाहने वालों को निराश नहीं किया। उनसे संवाद कर आत्मीयता के साथ मन की बात की। बच्चन ने कहा कि 22 जनवरी को हम रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पावन अवसर पर यहां आए थे, आज फिर आए हैं। ऐसा मेरा मानना है कि अब अयोध्या आना-जाना निरंतर लगा रहेगा। महानायक ने अपने उत्साहित प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम कई जगह जाते हैं तो वहां के लोग कहते हैं कि आप तो मुंबई में रहते हैं।
यहां आना-जाना नहीं होगा, ऐसे में कैसे आपके साथ ताल्लुक बढ़ाया जाएगा। चूंकि हमारी पैदाइश इलाहाबाद में हुई और उसके बाद हम दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में रहे। अपने बाबू जी (हरिवंश राय बच्चन) का जिक्र करते हुए अमिताभ ने बताया कि वे बचपन में बताते थे कि आपका ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है। साथ ही अवधी की एक कहावत हाथी घूमे गांव-गांव जेकर हाथी ओकर नाव सुनाया करते थे। ये सच है कि हम कोलकाता, दिल्ली और मुंबई में रहे लेकिन जहां कहीं भी रहे कहलाए गए ’छोरा गंगा किनारे वाला’।
फिल्म अमिताभ बच्चन ने अयोध्या प्रवास के दौरान करीब ढाई घंटे का वक्त मण्डलायुक्त गौरव दयाल के बंगले पर बिताया। यहां पहुंचने पर मण्डलायुक्त ने उनकी अगवानी की। इस दौरान वह कुछ समय बाहर लॉन में धूप में बैठे तो थोड़ा समय अपनी वैनिटी वैन में भी बिताया। काफी समय बंगले के भीतर ड्राइंग रूम में भी रहे। इस दौरान उन्हें दाल-रोटी और पूड़ी-सब्जी के साथ कुछ औैर पकवान परोसे गए लेकिन उनके विशेष आग्रह पर बनवाई गई साबुदाना की खिचड़ी ही उन्होंने बेहद चाव से खाई।
इसी कड़ी में प्रख्यात संगीत अध्येता और अयोध्या राज परिवार के सदस्य यतींद्र मिश्र ने उन्हें गुलजार पर लिखी अपनी पुस्तक भेंट की। आईजी प्रवीण कुमार ने अपनी कविताओं का संकलन दिया। जाते समय अमिताभ कमिश्नर दयाल को मुंबई आने का न्योता भी दे गए, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।