-ट्रस्ट महासिचव चम्पत राय ने जारी की राम मन्दिर निर्माण के प्रगति की तस्वीर
अयोध्या। श्री रामजन्मभूमि पर बन रहे रामलला के भव्य मन्दिर के उद्घाटन की तारीख 15 से 25 जनवरी 2024 होने के बाद उसके निर्माण की गति और तेज हो गई है। भूतल के छत का निर्माण पूरा होने के बाद उसके गर्भगृह और परिक्रमा पथ सहित भूतल के खंभों आदि की नक्काशी का काम तेजी से चल रहा है।
गुरूवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर मंदिर निर्माण के चार चित्र जारी किए हैं। इनमें भव्य मंदिर में हो रही नक्काशी और पिंक स्टोन से तैयार परिक्रमा मार्ग और आसपास के क्षेत्र को दर्शाया गया है। इससे पहले महासिचव छत के निर्माण पूरी होने से जुड़ी फोटो शेयर कर चुके हैं। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राम मंदिर जनवरी, 2024 में खुल जाएगा। 24 जनवरी से भव्य गर्भगृह में भक्तों को रामलला के दर्शन मिलने लगेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मकर संक्रांति से शुरू होगा।
भव्य गर्भगृह में रामलला को विराजित करने पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या आएंगे। यह बात राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कही है। उन्होंने कहा है कि दिसंबर, 2023 तक राममंदिर भक्तों के दर्शन लायक बन जाएगा। तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों के मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मकर संक्रांति के बाद होनी चाहिए। ऐसे में 14-15 जनवरी, 2024 से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए ट्रस्ट ने देश के टॉप के ज्योतिषियों से शुभ मुहूर्त निकलवाए हैं। ज्योतिषियों ने शुभ मुहूर्त में 21, 22, 24 और 25 जनवरी की तारीख बताई है।
ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है, क्योंकि यह सबसे उत्तम तारीख बताई जा रही है। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गर्भ गृह के मुख्य द्वार पर सोने का कवर होगा। मंदिर का 161 फीट ऊंचा शिखर भी सोने से मढ़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में था कि अयोध्या तभी जाएंगे, जब मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी। तभी वे 5 अगस्त, 2021 को यहां आए थे। वहीं करीब 20 दिन पहले चंपत राय ने बताया था कि ग्राउंड फ्लोर तैयार होने के बाद मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दिसंबर तक मंदिर को फाइनल टच दिया जाएगा।