अयोध्या में अनमय की मदद के लिए चला अभियान

by Next Khabar Team
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-सरयू घाट पर जागरूकता कार्यक्रम

अयोध्या। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित आठ माह के बच्चे सुल्तानपुर निवासी अनमय के उपचार के लिए आज युवाओं की एक टोली अतुल सिंह व विकास तिवारी केघ् नेतृत्व में राम पैड़ी घाट अयोध्या पर अनमय मदद के नाम की तख्तिया हाथो में लेकर क्राउड फंडिंग के माध्यम से मदद धनराशि जुटाने का अभियान चलाया। गौरतलब है कि अनमय का इलाज कर रहीं सर गंगाराम अस्पताल की डॉ. वेरोनिका अरोरा ने बताया है कि एसएमए टाइप-1 बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी है। इसमें बच्चों के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें सांस लेने तक में बहुत परेशानी होने लगती है। आठ महीने के अनमय सिंह एसएमए टाइप-1 नाम की बेहद दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हैं।

इस बीमारी में बच्चों के हाथ-पैर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। बाद में ये अपनी किसी भी जरूरत के लिए पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अनमय की जान बचाई जा सकती है और वे भी किसी दूसरे सामान्य बच्चे की तरह जिंदगी जी सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक विशेष इंजेक्शन जल्द से जल्द लगवाना होगा। इस इंजेक्शन के एक डोज की कीमत 16 करोड़ रुपये है, जिसे चुकाना किसी भी निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के लिए संभव नहीं है। लिहाजा बच्चे की जान बचाने के लिए उनके माता-पिता क्राउड फंडिंग के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। कार्यक्रम मे अगुवाई कर रहे अतुल सिंह ने बताया कि दुर्लभ बीमारी एसएमए टाइप-१ से पीड़ित बच्चों के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें सांस लेने तक में बहुत परेशानी होने लगती है। यदि इन बच्चों को सही समय पर एक विशेष इंजेक्शन दिया जा सके तो न केवल इनकी जिंदगी बचाई जा सकती है, बल्कि ये दूसरे बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी भी जी सकते हैं।

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लेकिन इसके लिए यह इंजेक्शन इन्हें जल्द से जल्द मिल जाना चाहिए। इस बीमारी से मुक्ति के लिए इस इंजेक्शन की एक डोज ही काफी होती है। यदि बच्चों को सही समय पर इंजेक्शन नहीं मिल पाता है तो बॉडी के न्यूरॉन्स धीरे-धीरे सूख जाते हैं। ये मस्तिष्क को संदेश भेजना बंद कर देते हैं, जिससे बच्चे को किसी बात का अनुभव नहीं होता। इससे उसकी तकलीफें बढ़ने लगती हैं। विकास तिवारी ने कहा कि इंपैक्ट गुरू नाम की क्राउड फंडिंग वेबसाइट पर अनमय सिंह के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई जा रही है। लोग मदद कर भी रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए आवश्यक रकम इतनी ज्यादा है कि इतना पैसा आसानी से जुटता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि अनमय के माता पिता और सामाजिक संगठन सबसे मदद की अपील कर रहे हैं।

उन्हें उम्मीद है कि लोग आगे आएंगे और अनमय की जान बचाई जा सकेगी। इसी क्रम में दिव्यप्रकाश सिंह ने कहा कि यह इंजेक्शन भारत में नहीं बनाया जाता है। इसे विदेश से मंगवाना पड़ता है जिसकी अमेरिकन मुद्रा में लगभग 2.1 मिलियन डॉलर कीमत आती है। इस समय इसकी कीमत भारत में लगभग 16 करोड़ रुपये है। इसके अलावा इसको आयात करने पर जीएसटी सहित कई टैक्स देने पड़ते हैं। इस प्रकार इसकी कीमत किसी भी परिवार की पहुंच से बाहर हो जाती है। कई संगठनों ने सरकार से अपील की है कि इस तरह की दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं और इंजेक्शन टैक्स फ्री कर दिया जाना चाहिए। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। उक्त अवसर पर प्रमुख रूप से अतुल सिंह,विकास तिवारी,राहुल सिंह,अभिषेक सिंह,अभयराज, विजय सिंह, निर्भय सिंह, मून, इत्यादि रहे।

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